छत्तीसगढ़ सरकार के लाख दावे के बावजूद बस्तर संभाग में कुपोषण बढ़ता ही जा रहा है और बड़ी संख्या में अंदरूनी क्षेत्रों के गांव में रहने वाले बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं. राज्य सरकार सुपोषण अभियान के तहत हर साल संभाग के 7 जिलों में लगभग 50 से 60 करोड़ रुपए खर्च करने का दावा कर रही है, जिसमें बच्चों और महिलाओं के लिए पोषण आहार के साथ ही दवाइयों और अन्य योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभ और संसाधनों की व्यवस्था करने की बात कह रही है.


बावजूद इसके सुपोषण अभियान के तहत कुपोषण का ग्राफ कम होने की जगह लगातार बढ़ते ही जा रहा है, वहीं बस्तर के बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था लचर हो गई है, यही वजह है कि नवजात शिशुओं के साथ  5 से 10 साल के बच्चे बड़ी संख्या में कुपोषण के चपेट में आ रहे हैं और करोड़ों रुपए खर्च करने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.




आंकड़े बयां कर रहे हैं हकीकत


बस्तर संभाग मुख्यालय के बस्तर जिले की ही बात की जाए तो महिला बाल विकास विभाग अधिकारी मनोज सिन्हा ने बताया कि जिले में 1980 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है और इन आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब 95 हजार बच्चे हैं, हर साल करोड़ों रुपए पोषण आहार सहित अन्य योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है. कुपोषण को दूर करने के लिए हर साल विभाग करीब 10 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.


उन्होंने बताया कि अगस्त और सितंबर माह में कराए गए वजन त्यौहार के रिपोर्ट के अनुसार बस्तर जिले में इस समय करीब 25  हजार  बच्चे कुपोषित हैं, जबकि पूरे संभाग की बात की जाए तो लगभग 90 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं.


 बस्तर जिले में करीब 6080 बच्चे अति गंभीर कुपोषण के शिकार हैं, रिपोर्ट के अनुसार बस्तर जिले में 29% बच्चे कुपोषण का दंश झेल रहे हैं, जबकि बस्तर संभाग के 7 जिलों की बात की जाए तो 50% से ज्यादा बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. महिला बाल विकास अधिकारी मनोज सिन्हा ने बताया कि बस्तर जिले के बकावंड में सबसे अधिक कुपोषित बच्चों की संख्या 1630 है तो वही दूसरे नंबर पर बस्तर ब्लॉक में इनकी संख्या 1560 है, इसके अलावा बस्तर जिले के हर ब्लॉक में हजार से ज्यादा की संख्या में कुपोषित और अति कुपोषित बच्चे मिलने की पुष्टि हुई हैं.


बीजेपी ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप


महिला बाल विकास अधिकारियों का कहना है कि सुपोषण अभियान के तहत सरकार की ओर से दिए जा रहे पोषण आहार एक-एक बच्चे तक पहुंचे इसकी पूरी कोशिश की जा रही है, साथ ही  सभी ब्लॉक में नई योजना बनाकर भी काम किया जा रहा है, इधर बीजेपी  नेता अविनाश श्रीवास्तव का कहना है कि राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा कर रही है लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण कुपोषण के आंकड़े में उम्मीद के मुताबिक कमी नहीं आ रही है और कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती ही जा रही है.


महिला बाल विकास विभाग के द्वारा केवल बजट पास कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जो पोषण आहार दिया जाना है वह उन्हें नहीं दिया जा रहा है, इसकी वजह से कुपोषण के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे हैं, और लापरवाही बरत रहे अधिकारियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.


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