Chhattisgarh: कूड़ा बीनने वाले हाथों में किताबें! घुमंतू बच्चों का भविष्य संवार रहे इस जिले के कलेक्टर, सीएम बघेल ने भी की तारीफ
Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ के जिले में घुमंतू बच्चों का भविष्य संवरता नजर आ रहा है. कलेक्टर इन बच्चों की जिंदगी में नई रोशनी बनकर आये हैं. इस पहल की सीएम भूपेश बघेल ने भी तारीफ की है.
Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे 5वीं-8वीं तक पढ़ाई करने के बाद पढ़ाई छोड़ काम-धंधे की तलाश में जुट जाते हैं और कॉपी किताब छोड़ हाथ में रुपए कमाने के लिए औजार थाम लेते हैं. कुछ बच्चे घुमंतू हो जाते हैं. छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में कलेक्टर की पहल से घुमंतू बच्चों का भविष्य संवरता नजर आ रहा है. यहां कलेक्टर द्वारा बाल जतन अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत घुमंतू बच्चों को चिन्हांकित कर स्कूलों में दाखिला दिलाया जा रहा है. उन्हे पढ़ने के लिए किताब कॉपी उपलब्ध कराया जा रहा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की तारीफ
इस अभियान की मॉनिटरिंग खुद कलेक्टर कर रहे हैं और जिन घुमंतू बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया है. उसने स्कूल में जाकर उनका अनुभव पूछकर शिक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं. वहीं घुमंतू और कचरा बिनने वाले बच्चों के लिए चलाए जा रहे इस अभियान की तारीफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर की है.
दरअसल, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में कलेक्टर पीएस ध्रुव ने प्रिंस जैसे घुमंतू, कचरा बिनने वाले, अनाथ और बेसहारा बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था कर उनका भविष्य संवारने के लिए बाल जतन अभियान की शुरुआत की है. बता दें कि 8 साल का प्रिंस कलेक्टर पीएस ध्रुव को कचरा बिनते हुए मिला था. तब कलेक्टर ने उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया और उसका दाखिला चिरमिरी के पोड़ी बाजार स्थित सरकारी स्कूल में कराया है.
प्रिंस को स्कूल जाने के लिए नया ड्रेस, पुस्तक, कॉपी और बैग मिला है. पहले चरण में बाल जतन अभियान में जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों में संचालित होगा. नगरीय निकाय और शिक्षा विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से घुमंतू, कचरा उठाने वाले, अनाथ और बेसहारा बच्चों को चिन्हित कर उनका स्कूल में दाखिला कराएंगे. इस बच्चों को पढ़ाई के सामान सहित कई सुविधाएं भी शासकीय योजनाओं व गैर शासकीय संगठनों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी.
घुमंतू बच्चों का कराया शासकीय प्राथमिक शाला में दाखिला
कलेक्टर पीएस ध्रुव मंगलवार को घुमंतू बच्चों से मिलने शासकीय प्राथमिक शाला पोड़ी बाजार पहुंचे थे. यहां उन्होंने कचरा बिनते मिले घुमंतू बच्चों का दाखिला करवाया है. कलेक्टर ने बच्चों से मुलाकात कर उन्हें जरूरी कॉपी, किताब भेंट की और भविष्य गढ़ने के लिए रोज स्कूल आने के लिए प्रेरित किया. वहीं शिक्षकों को बेहतर शिक्षकीय कार्य के निर्देश दिए. इधर कलेक्टर के इस बाल जतन अभियान की सफलता को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में नवगठित जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर कलेक्टर पीएस ध्रुव के कार्यों की तारीफ की है.
सीएमओ कार्यालय ने ट्वीट कर लिखा है कि "सबके जीवन में शिक्षा का उजियारा @MCBDistrictCG में #बाल_जतन_अभियान की शुरुआत से संवरने लगा घुमंतू और कचरा बीनने वाले बच्चों का भविष्य - योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा चिन्हांकित जरूरतमंद बच्चों में से 3 बच्चों को स्कूल में मिला दाखिला, शेष 10 बच्चों का एडमिशन 15 दिसंबर तक.
गौरतलब है कि, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर पीएस ध्रुव छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के रहने वाले है. वे एक किसान परिवार से आते है और अपने गांव में सरपंच भी रह चुके है. उन्हे पहली बार किसी जिले की कलेक्टरी मिली है. पीएस ध्रुव को ऑफिस से निकलकर फील्ड में कार्य करना ज्यादा पसंद है. इसके कई उदाहरण सामने आ चुके है.
हाल ही में वे निरीक्षण के लिए निकले थे और सड़क किनारे खेत में धान कटाई करते देख किसानों को देखकर खुद को रोक नहीं पाए, और खुद हसिया थामकर धान काटने लगे. इसके अलावा कलेक्टर ध्रुव ने सड़क की गुणवत्ता का जायजा लेने के लिए सड़क खुदवा दी थी और अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण सड़क बनाने के निर्देश दिए थे. वहीं उनके द्वारा अक्सर स्कूलों के निरीक्षण के दौरान बच्चो को पढ़ाते हुए देखा जाता है.
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