Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur News: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को चार साल हो गए हैं और अब प्रदेश के सभी राजनीतिक दल चुनावी मोड में आना शुरू हो गए हैं. लिहाज़ा सरकार की साख बचाने के लिए जहां कांग्रेस के विधायक अपने वादे को पूरा करने दावा करते नज़र आ रहे हैं. तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी  लगातार सरकार पर हमलावर हो रही है. यही वजह है कि इन दिनों प्रदेश के नए बने एमसीबी ज़िले में शराब की अवैध बिक्री को लेकर प्रशासन पर लगातार कार्यवाही का दबाव बना रहे हैं. इस दौरान एक विधायक तो शराबबंदी के अपने दावे को भूलकर बीजेपी ई को शराब का दलाल घोषित कर रहे हैं. तो एक कांग्रेस विधायक प्रशासनिक मीटिंग में घुसकर अधिकारियों पर एमपी की शराब बंद करवाने की चेतावनी दे रहे हैं. 


गुलाब कमरों की चेतावनी


शराबबंदी छत्तीसगढ़ सरकार के गले की फांस बन गई है. चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी समेत कई वादे अब भी अधूरे हैं. आगामी चुनाव को एक वर्ष बचे हैं. इसी वजह से एमसीबी ज़िले के दो कांग्रेस विधायक अब चुनावी रंग में रंगने का प्रयास करते दिख रहे हैं. बात करें भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब करमो की तो विधायक कल ज़िला मुख्यालय मनेन्द्रगढ में चल रही टाइम लिमिट की मीटिंग में अचानक आ धमके. इस दौरान मीटिंग में कलेक्टर पीएस ध्रुव और सीईओ नम्रता जैन समेत तमाम विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे. तभी मुख्य कुर्सी में बैठते ही गुलाब कमरो ने ज़िले में अवैध शराब बिक्री पर अधिकारियों की क्लास ली


और फिर अधिकारियों से सवाल किया कि मध्यप्रदेश की शराब छत्तीसगढ़ में कैसे आ रही है? इसके अलावा विधायक ने पूरे तेवर के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से ये पूछा कि मनेन्द्रगढ शहर में संचालित ग्रीन पार्क बार के संचालन के क्या नियम क़ायदे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में शाम तक इस संबंध में जानकारी देने की बात कहते हुए. ग्रीन पार्क बार के जांच के निर्देश भी दिए. 


बीजेपी पर साधा निशाना


इधर कल देर शाम मीडिया के कुछ सवालों का जवाब देते हुए मनेन्द्रगढ विधायक डॉ विनय जायसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा ''भारतीय जनता पार्टी के लोग शराब के दलाल हैं. भारतीय जनता पार्टी के शराब दलाल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों जगह पसरे हैं. बीजेपी के शासनकाल में छत्तीसगढ़ शराबगढ़ बन गया था. बीजेपी के समय में तो शराब पर कार्यवाही ही नहीं होती थी. आज पुलिस 100 में 90 कार्यवाही कर रही है.''


ये तो पुलिस की पीठ थपथपाने वाली बात है. दरअसल पूरा मामला मनेन्द्रगढ में संचालित ग्रीन पार्क बार में मध्यप्रदेश के अवैध शराब बिक्री को लेकर शुरू हुआ है. और जानकारी के मुताबिक़ इस बार में विधायक का एक रिश्तेदार बराबर का पार्टनर है. बहरहाल शराबबंदी का वादा करने वाली सरकार के दोनों विधायक शराबबंदी के लिए अपने तेवर नहीं दिखा पा रहे हैं और मध्यप्रदेश की शराब बिक्री पर पाबंदी लगाने के दम भर रहे हैं.


इधर भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति बुरी तरह से खराब है. शराबबंदी के वादे के तोड़कर गली गली में शराब बेचने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है और अपनी हर विफलता को बीजेपी पर मढ रही है. इनके सरकार में शराब राज्य में नदियों की तरह बह रही है. शराबबंदी सहित कोई भी वादा राज्य सरकार ने पूरा नहीं किया है, लोगों को धोखा देने का काम किया है, ठगने का काम किया है. आज छत्तीसगढ़ की जनता में इसको लेकर आक्रोश है.


यहां की जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है. शराबबंदी का वादा की है और घर पहुंच शराब की सुविधा उपलब्ध करवा रही है. जिससे अपराध लगातार बढ़ रहा है. दिनदहाड़े हत्याएं हो रही है. शराब की वजह से अपराध बढ़ रहा है, छत्तीसगढ़ में नशे का कारोबार तेजी से फैला है. ये सब कांग्रेस सरकार की विफलता का प्रमाण है. कांग्रेस नेताओं के खाने के दांत अलग है, और दिखाने के अलग है. जनहित से इनका कोई सरोकार नहीं है. लोगों को धोखा देने और ठगने के लिए सारी बातें करते हैं. अरुण साव ने कहा कि सरकार के संरक्षण में ही ये सब अपराध हो रहा है.


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