आपने कभी नहीं सुना होगा कि गांधी चौक पर सरदार पटेल की मूर्ति लगाई गई हो और अम्बेडकर चौक पर गांधीजी की मूर्ति लगाई गई हो. पर ज़िले के मनेन्द्रगढ नगर पालिका में ऐसा कारनामा होने वाला है. इसके लिए नगर पालिका में प्रस्ताव भी जारी हो गया है. नगर पालिका अध्यक्ष के मुताबिक़ विधायक ने इसके लिए फंड देने का एलान भी कर दिया है. खैर कुछ भी हो इस मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है.


चौक का नाम अलग और मूर्ति अलग 


छत्तीसगढ़ के नए बने ज़िले एमसीबी के मनेन्द्रगढ नगर पालिका परिषद के एक फ़ैसले ने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में नई चर्चा शुरू करा दी है. दरअसल शहर के कई चौक चौराहों में चौक के नाम के हिसाब से महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित किया जाना है. लेकिन इन चौराहों में से एक महाराणा प्रताप चौक को लेकर मामला कुछ अलग ही देखने को मिल जा रहा है. नगर पालिक में परिषद की बैठक में अध्यक्ष और अन्य पार्षदों की उपस्थिति में ये निर्णय लिया गया है कि महाराणा प्रताप चौक पर स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. अब सवाल ये उठ रहा है कि नाम महाराणा प्रताप चौक और मूर्ति स्वर्गीय बिसाहू दास महंत की ? ये कैसे संभव है. 




कौन हैं बिसाहू दास महंत


स्वर्गीय बिसाहू दास महंत छत्तीसगढ़ विधानसभा के मौजूदा अध्यक्ष चरण दास महंत के पिता हैं और कोरबा लोकसभा से सांसद ज्योत्स्ना चरण दास महंत के ससुर हैं. ये नगर पालिका भी कोरबा लोकसभा में आता है. स्वर्गीय बिसाहू दास महंत भी अविभाजित मध्यप्रदेश के जमाने में कांग्रेस के कभी ना हारने वाले विधायक थे. वो 1952 से 1957 तक बाराद्वार से विधायक रहे. साल 1957 से 1962 में नवागढ़ विधानसभा और फिर 1967, 1972 और 1977 तक लगातार चांपा से विधायक रहे.


साल 1952 से कांग्रेस कि टिकट पर लड़ने वाले बिसाहू लाल महंत 6 बार विधायक रहे. लेकिन कभी चुनाव नहीं हारे. यही वजह है कि मनेन्द्रगढ में चाय और पान ठेला से लेकर राजनीतिक गलियारों तक ये चर्चा है कि जो कभी नहीं हुआ. वो इसलिए तो नहीं हो रहा है कि वो विधानसभा अध्यक्ष के पिता और क्षेत्रीय सांसद के ससुर हैं?


महाराणा प्रताप और बिसाहू दास दोनों बराबर


मनेन्द्रगढ नगर पालिका की अध्यक्ष प्रभा पटेल ने इस मामले में मीडिया के सामने जो बयान दिया है. वो आपको हैरत में डाल सकता है. प्रभा पटेल के लिए महान योद्धा महाराणा प्रताप और बिसाहू लाल महंत दोनों बराबर हैं. वहीं मीडिया के सामने पटेल ने एक और हास्यास्पद जवाब दिया. उनके मुताबिक़ चौक का नाम महाराणा प्रताप रहेगा. लेकिन मूर्ति बिसाहू दास महंत की रहेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि इसके लिए पांच लाख की राशि मनेन्द्रगढ विधायक डॉ विनय जायसवाल देंगे. अध्यक्ष के अलावा पालिका के सीएमओ इशहाक खान ने बताया कि चौक का नाम बदलने संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं आया है. बस महाराणा प्रताप चौक में बिसाहू दास महंत की प्रतिमा लगाया जाना है.


मनेन्द्रगढ नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता सरयू यादव ने इस मामले में पालिका में सत्तासीन कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है . उन्होंने कहा कि 24 तारिख को जब महाराणा प्रताप चौक का नाम बदलकर बिसाहू दास महंत बनाने का प्रस्ताव लाया गया, तब मैं परिषद की बैठक में नहीं था.


उन्होंने कहा '' सवाल है कि ऐसा प्रस्ताव आख़िर किसने लाया ? ये एकदम औचुत्यहीन और ग़लत बात है. ये घटिया क़िस्म की राजनीति है और अपने आकाओं को ख़ुश करने के लिए ऐसा किया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि महाराणा प्रताप देश के सर्वश्रेष्ठ वीरों में एक थे. उनके नाम वाले चौक का अगर नाम बदलने का काम हुआ. तो उसी चौक में इसका विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.


इसे भी पढ़ें:


Love Jihad: जशपुर में लव जिहाद के मामले को लेकर चक्का जाम, अब लगातार आंदोलन की दी चेतावनी