Chhattisgarh: 'मन की बात' में पीएम मोदी ने की छत्तीसगढ़ के Millet Cafe की जमकर तारीफ, जानिए यहां क्या है खास
Millet Cafe Of Chhattisgarh: रायगढ़ के मिलेट कैफे का संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है. पिछले साल मई के महीने में इस कैफे की शुरुआत की गई है.
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PM Modi On Millet Cafe: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में आज छत्तीसगढ़ का बोलबाला रहा. प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के मिलेट कैफे की तारीफ की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कहा कि जब छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जाने का मौका मिले तो मिलेट कैफे जाकर वहां के व्यंजनों का आनंद जरूर उठाएं. इस कैफे में रागी से बने पास्ता, चीला, इडली, मंचूरियन, मोमोज, पिज्जा, नूडल, दोसा, कोदो से बनी बिरयानी का स्वाद लिया जा सकता है. चलिए जानते हैं उस कैफे के बारे में जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा करते नहीं थके.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की रायगढ़ के मिलेट कैफे की तारीफ
दरअसल ये कैफे अपने आप में बहुत खास है. क्योंकि इसमें सारे फास्ट फूड इंडियन है. छत्तीसगढ़ के ग्रामीण मोटे अनाज उगाते है उससे ही नाश्ता बनाया जा रहा है. राज्य में 9 महीने पहले रायगढ़ के नटवर स्कूल के पास एक मिलेट कैफे खोला गया है. इस कैफे में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों से बने लजीज व्यंजन परोसे जाते हैं. जिसमें स्वाद बढ़िया होता है ही लेकिन सेहत पर भी इसका बुरा असर नहीं पड़ता. इस लिए इस तरह के कैफे अब राज्य में लगातार खोले जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू किया है मिशन-मिलेट
रायगढ़ के मिलेट कैफे का संचालन पूरी तरह महिलाओं के हाथों में है. पिछले साल मई के महीने में इस कैफे की शुरुआत की गई है. कैफे की शुरुआत जिला प्रशासन की पहल व सहयोग से हुआ है. इसका संचालन विकास संघ महिला समूह द्वारा किया जा रहा है. इसमें तकनीकी सहयोग महिला बाल विकास विभाग और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन द्वारा दिया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में पहली बार महिला स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला समूहों के लिए मिलेट्स आधारित कैफे की शुरुआत की गयी है.
कांकेर में है मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट
आपको बता दें कि मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर के रूप में मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी राज्य में रागी, कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाजों और लघु धान्य फसलों की पैदावार बढ़ाने, इनकी खरीदी की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित करने और इनकी प्रोसेसिंग कर इन्हें शहर के बाजारों तक पहुंचाने के लिए मिशन-मिलेट शुरू किया गया है.
इसके अलावा आपको ये भी बता दें कि छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नथिया-नवागांव में मिलेट्स का सबसे बड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है. राज्य सरकार ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में जारी है मिलेट मिशन
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में इन्हें भी शामिल किया है. प्रदेश के 14 जिलों को इस मिशन में शामिल किया गया है. इसके लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद से एमओयू किया गया है. एमओयू के अंतर्गत इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी की उत्पादकता बढ़ाने, तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता और सीड बैंक की स्थापना के लिए सहयोग और मार्गदर्शन दे रहा है.
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