Bastar news- छत्तीसगढ़ के बस्तर के डिमरापाल  मेडिकल कॉलेज  में 2019 के एमबीबीएस के अध्यनरत छात्र-छात्राओं ने नेशनल मेडिकल कॉउंसिल (NMC) द्वारा लागू की गई एनईएक्सटी परीक्षा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के परिसर में हाथ में बैनर पोस्टर के माध्यम से विरोध करते हुए छात्रों ने एनएमसी द्वारा लिए जा रहे एनईएक्सटी परीक्षा की खामियों को लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और इसके बाद अपने विरोध के रूप में  रक्तदान किया.


दरअसल 2019 बैच के छात्रों  ने बताया की  एमएमसी द्वारा लागू किए गए एनईएक्सटी परीक्षा से छात्रों का भविष्य अंधकार में है और इससे छात्र को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, इस वजह से नेशनल मेडिकल काउंसिल के खिलाफ सभी छात्रों ने हल्ला बोल दिया है और विरोध प्रदर्शन किया, और परीक्षा में किए गए नए नियम को हटाने की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर छात्रों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.


एनईएक्सटी के नए परीक्षा पद्धति से परेशान है मेडिकल छात्र
डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्रो ने एनिएक्सटी परीक्षा से सम्बंधित अपने परेशानियों को अवगत कराते हुए बताया कि  MMC 2019 के सत्र पर बिना किसी पूर्व जानकारी के नये नियम लागू कर रही है. 2019 बैच का सत्र, एनईएक्सटी के लागू करने से यह 6 वर्ष का हो जाएगा, जबकि एमबीबीएस कोर्स साढ़े 4 साल का है, मेडिकल छात्रों ने मॉक टेस्ट के  नाम पर एनईएक्सटी द्वारा लिए जा रहे 2 हजार रुपये को अवैध वसूली बताया है और इसका भी विरोध किया है, उन्होंने कहा कि एनएमसी 2019 बैच को नई परीक्षा की तैयारी के लिए सिर्फ 6 महीने का समय दे रहा है, जिसके कारण सारे छात्र तनाव में आ गए है, इसलिए पहले एनईएक्सटी एक्जाम का सांकेतिक विरोध में रक्तदान कर अपना विरोध जताया है,  


उन्होंने मांग की है कि यह परीक्षा पीजी एक्जाम की तरह इंटर्नशिप के बाद लिया जाए क्योंकि मेडिकल छात्रों को क्लिनिकल एक्सपोजर इंटरशिप के दौरान ही मिलता है...और अगर ऐसा नहीं होता है तो छात्र उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे, इस नये तरह के परीक्षा के नियमों  से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है,इसलिए छात्रों ने इसका विरोध जताया है.


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