अम्बिकापुर: सरगुजा संभाग मे ठंड और शीतलहर का प्रभाव बढता जा रहा है. कल के मुकाबले संभाग में औसतन 5 डिग्री सेल्सियस तक तापमान लुढका है. जिसकी वजह से शहरी इलाकों मे शाम 8 बजे तक सन्नाटा पसरने लगा था. वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग गर्म कपड़ों के बाद भी अलाव के सामने बैठकर ठंड से बचते नजर आए.  गौरतलब है कि संभाग के मैनपाट में तापमान 3 डिग्री सेल्सियस के आसपास तक पहुंच गया है. वहीं सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर मे तापमान कल के मुकाबले 4.5 डिग्री नीचले स्तर पर पहुंच गया है. 


अब तक की सबसे ठंडी रात


राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बाद ठंडी और शुष्क हवाएं अब मध्यप्रदेश तक पहुंच चुकी हैं. जिसका असर कल 18 दिसंबर को दिन भर उत्तरी छत्तीसगढ़ मेम भी रहा.  यहां भी तेज ठंडी हवाओं का असर लोगो के आम जनजीवन को प्रभावित कर रहा था.  जिसकी वजह से कल 18 और 19 दिसंबर की दरमियानी रात इस माह की सबसे ठंड रात दर्ज की गई. मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ट के मुताबिक उत्तरी छत्तीसगढ़ में उत्तर की ओर से आने वाली हवाओं की वजह से सरगुजा संभाग मे कल दिन भर ठंडी हवाओं का असर रहा. जिससे हवा चुभने वाली महसूस की जा रही थी. 


21 से 22 दिसंबर तक रहेगी ठंड


मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन भट्ट के मुताबिक कल सरगुजा संभाग मे तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आया है.  जिसकी वजह से बलरामपुर जिले में न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री, कोरिया जिले मे 4.5 डिग्री और सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर मे कल के 10.5 डिग्री के मुकाबले तापमान लुढ़ककर 6.5 डिग्री तक पहुंच गया है.  उनके मुताबिक उत्तर से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं का असर 21-22 दिसंबर तक ऐसा ही रहेगा.  जिससे तापमान में इससे ज्यादा गिरावट के आसार है. इसके साथ ही 22 दिसंबर के बाद वेस्टन डिस्टरबेंस ( पश्चिमी विक्षोभ)  के कारण मौसम का रूख थोडा नरम पडं सकता है. लेकिन माह के अंत तक फिर ऐसी ही ठंड का सामना करना पड सकता है. उस दौरान संभाग का औसत तापमान 2 डिग्री तक पहुंच सकता है. गौरतलब है कि बीती रात इस साल संभाग की सबसे ठंडी रात के रूप मे दर्ज की गई है. 


मैनपाट में बढं सकती हैं सैलानियों की संख्या...


वही अगर छत्तीसगढ़ के शिमला मैनपाट की बात करें तो सरगुजा के पहाड़ी इलाके मैनपाट में तापमान की तो आज जहां मैनपाट का तापमान 3 डिग्री दर्ज किया गया है. तो वहीं आने वाले एक दो दिन में अगर उत्तर से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं का यही असर रहा तो फिर तो मैनपाट का तापमान 2 से 1 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर सकता है और माह के अंत मे यहां का तापमान 0 डिग्री के आसपास पहुंच सकता है. ऐसी परिस्थिति मे मैनपाट की सुबह हाड कंपा देने वाली ठंड और वहां का हरा भरा प्राकृतिक सौंदर्य सफेद चादर ढका नजर आ सकता है. इसी वजह से यहां सैलानियों की संख्या में इजाफा होने के भी आसार हैं. 


विन चील्ड फैक्टर


सरगुजा संभाग मे उत्तरी ठंडी और शुष्क हवाओ का प्रभाव कल 18 दिसंबर के बाद आज 19 दिसंबर को भी है.  जिससे दिन की धूप के साथ भी हवा की चुभन लोग महसूस करते रहे और ये सब विन चील्ड फैक्टर की वजह से हुआ. दरअसल वायु के शीतल प्रभाव (ठंड) जब तापमान के साथ वायु की गति में शामिल हो जाता है. तब हवाएं चुभने लगती है और इंसान या जीवों पर पड़ने वाले इस प्रभाव को विन चील्ड फैक्टर कहते हैं.जिसका असर से इस माह के एक दो दिन छोडकर आने वाले 10-12 जनवरी तक रह सकता है और तब तक उतार चढ़ाव के बीच तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है.


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