Chhattisgarh News: कॉलेज फ्रेंड को 40 साल बाद देख भावुक हुए सीएम बघेल, कभी मुख्यमंत्री के रूम पार्टनर थे रूपलाल साहू
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को रायपुर जिले के अभनपुर विधानसभा के तामासिवनी पहुंचे थे. तभी उन्हें सामने लोगों के बीच बैठे अपने दोस्त रूपलाल साहू दिखाई दिए.
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भेंट मुलाकात कार्यक्रम पिछले साल से जारी है. राज्य के लगभग 80 विधानसभा में दौरा कर चुके हैं. लेकिन शनिवार की भेंट मुलाकात कार्यक्रम सबसे खास रहा है. क्योंकि शनिवार के भेंट मुलाकात में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने 43 साल पुराने दोस्त को पहचान लिया. इसके बाद मुख्यमंत्री इमोशनल हो गए और दोस्त को गले लगाकर दोस्ती के किस्से बताने लगे. इसको देख कार्यक्रम में मौजूद लोग सब हैरान हो गए कि आखिर कॉलेज टाइम की दोस्ती आज तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नहीं भूलें.
इमोशनल होकर पुराने दोस्त को लगाया गले
दरअसल शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर जिले के अभनपुर विधानसभा के तामासिवनी पहुंचे थे. तभी उन्हें सामने जनता के बीच बैठे अपने दोस्त रूपलाल साहू दिखाई दिए. 40 साल से भी अधिक समय के बाद मुख्यमंत्री ने अपने दोस्त को पहचान लिया, उऩ्होंने तत्काल उन्हें अपने पास बुलाया. करीब 40 साल बाद अपने दोस्त को सामने बैठा देख मुख्यमंत्री ने मंच में अपने पास बुलाकर गले लगा लिया और इमोशनल हो उठे.
गरियाबंद के प्रिंसिपल हैं मुख्यमंत्री के 'रूम पार्टनर'
इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश ने मंच से ही बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा आज 43 साल बाद मैं अपने मित्र से भेंट कर रहा हूं, जो मेरे होस्टल में रूम पार्टनर भी थे, आज वो गरियाबंद में प्रिंसिपल पद पर हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि तामासिवनी को बहुत समय से जान रहा हूं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि राज्य शासन की योजनाओं का जमीनीस्तर पर क्रियान्वयन जानने के लिए मैं यहां पर आया हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी न्याय योजना की किस्त विशेष अवसरों पर दी जाती है, ताकि आप अपनी जरूरत के हिसाब से उसे उपयोग कर सकें.
वर्मी कंपोस्ट से ग्रामीण महिला को 8 लाख रुपए का मुनाफा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को सबसे पहले रायपुर जिले के ग्राम डंगनिया (चम्पारण) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने चंपारण में वल्लभाचार्य और चम्पेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन किया. इसके बाद विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों से बातचीत करने लगे. इस दौरान मुख्यमंत्री से बात करते हुए शीला चंद्रा ने बताया कि वर्ष 2020 से गांव में गौठान की शुरुआत हुई है.
60 हजार रुपए का लोन लेकर वर्मी कंपोस्ट बनाने की शुरुआत की थी और अब तक 22 सौ क्विंटल खाद का उत्पादन कर चुके हैं, जिसके एवज में 70 हजार रुपए की आमदनी हुई है और एक लाख 45 हजार रुपए का बोनस शासन की ओर से मिला है. इस तरह से कुल 8 लाख 45 हजार रुपए का उन्हें मुनाफा हुआ है.
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