Kondagaon news: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के माकड़ी ब्लॉक के कोरावाही मिडिल स्कूल में 25 स्कूली बच्चों के हथेली पर गर्म तेल डालने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. इस मामले में हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी ने गंभीरता दिखाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश प्राधिकरण को दिए हैं. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण यानी सालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सालसा सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियल के जरिए तत्काल प्रभाव से इस पर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.


साथ ही सालसा की ओर से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोंडागांव के जिला न्यायाधीश और जिला प्राधिकरण के सचिव के माध्यम से पीड़ितों को और उनके परिजनों को विधिक अधिकारों की जानकारी देने और सहायता के भी निर्देश दिए हैं. इधर आदेश मिलने के बाद इन पीड़ित छात्राओं से बात करने प्राधिकरण की टीम उनके घर पहुंची है. इनमें जिला प्राधिकरण के प्रतिधारक अधिवक्ता सुरेंद्र भट्टा, पैरालीगल वालंटियर पारेश्वर देवांगन मामले की जांच कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि मामले में छात्राओं और उनके परिजनों ने पूरी घटना के बारे में बताया है. वहीं इस मामले में क्षतिपूर्ति दिलवाने का प्रयास करने की भी बात कही जा रही है.


शिक्षकों ने डाला हथेली पर गर्म तेल?


दरअसल पूरा मामला कोंडागांव जिले के माकड़ी ब्लॉक के कोरावाही मिडिल स्कूल का है, जहां स्कूल के लेडीज बाथरूम में शौच कर गंदगी फैलाने की जानकारी शिक्षिकाओं को मिली. इसके बाद शिक्षिकाओं ने छात्रा के बारे में पूछा, लेकिन डरे सहमे छात्राओं ने किसी का भी नाम नहीं लिया और उसके बाद बीच के समय भोजन के तहत स्कूल में बनाए जाने वाले भोजन कक्ष में तेल को गर्म कर बच्चों के हथेली पर डाला गया. इस मामले में शिक्षिकाओं का कहना था कि बच्चों ने खुद एक दूसरे के हथेली पर खेल खेल में गर्म तेल को डाला है.


पालकों ने भी इस बयान पर संदेह जताते हुए कहा है कि छठवीं सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे खुद खोलते हुए तेल को एक दूसरे के हथेली पर कैसे डाल सकते हैं और किस वजह से डालेंगे? शौच कौन किया यह सच जानने के लिए शिक्षिकाओं ने बच्चों को इस तरह की सजा दी है. इस मामले मे प्रधान अध्यापिका जोहरी मरकाम, शिक्षिका पूनम ठाकुर,शिक्षिका मिताली वर्मा और स्वीपर डमरूराम यादव को दोषी माना गया है. इधर इस मामले में और बच्चो के हथेली में गर्म तेल डालने की वजह से पड़े फफोले की घटना का संज्ञान हाई कोर्ट ने लिया और जस्टिस गौतम भादुड़ी ने फैसला सुनाते हुए सरकार की योजना के अनुसार पीड़ित 25 छात्राओं को आर्थिक मदद के लिए क्षतिपूर्ति दिलवाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.


हाई कोर्ट ने दिया निर्देश


इधर बिलासपुर हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी ने न सिर्फ इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. बल्कि सभी जिला प्रशासन से यह कहा है कि ऐसी घटनाए फिर दोबारा न हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. इसके लिए प्रचार प्रसार के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया जाए. जिससे कि बच्चे सुरक्षित रहें. कोर्ट ने सभी से कहा है कि बच्चे देश की भविष्य होते हैं और उनकी सुरक्षा और पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन से जुड़े लोगों की है. इधर कोर्ट के संज्ञान के बाद बच्चों के पालकों को उम्मीद जगी है कि इस मामले के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी और फिर से इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी. बच्चों और उनके पालकों को इंसाफ मिलेगा.


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