छत्तीसगढ़ में पहली बार समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी आदि की खरीदी की गई. लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के नेतृत्व में मिलेट मिशन (Millet Mission) भी चलाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में देश का 74 प्रतिशत लघु वन उपज (forest Produce) संग्रहित होता है. सरकार ने संग्राहकों के हित में लघु वन उपजों की संख्या में नौ गुना वृद्धि करते हुए सात से बढ़ाकर 65 की खरीदी करने का निर्णय लिया है. यही कारण है कि इन चार सालों में संग्राहकों की संख्या में भी चार गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है.


छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा वन उपज संग्राहक राज्य


वर्ष 2018-19 में वन उपज संग्राहकों की संख्या 1.5 लाख थी, जो आज बढ़कर छह लाख हो गई है. लघु वन उपजों की खरीदी की मात्रा में भी 78 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2021-22 में कुल 42 हजार मीट्रिक टन लघु वन उपजों की खरीदी की गई. जबकि यह मात्रा वर्ष 2018-19 में 540 मीट्रिक टन थी. छत्तीसगढ़ पूरे देश का सबसे बड़ा वन उपज संग्राहक राज्य है. इस वर्ष राज्य सरकार ने 120 करोड़ रुपए का भुगतान वन उपज संग्राहकों को किया है.


संग्राहकों को 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सालाना आय


वर्ष 2020-21 में 153.46 करोड़ रुपए का लघु वन उपज देश भर में खर्च की गई राशि का अकेला 78 प्रतिशत है. पिछले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी योजनाओं के परिणाम स्वरुप 13 लाख तेंदुपत्ता संग्राहकों और 6 लाख वन उपज संग्राहकों को 250 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सालाना आय हुई. संग्रहण के साथ-साथ 129 वन धन विकास केन्द्रों के माध्यम से वन उपजों का प्रसंस्करण कर 134 हर्बल उत्पादों का छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के नाम से विक्रय करने के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर 6 सी-मार्ट और 30 संजीवनी केन्द्रों की स्थापना की गई है.


जानिए अब तक कितने रुपयों का हो चुका भुगतान


संग्राहकों के हित में तेन्दू पत्ता संग्रहण दर 25 सौ रुपए से बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है. वहीं संग्राहको को चार साल में 2146.75 करोड़ रुपए तेन्दू पत्ता संग्रहण पारिश्रमिक और 339.27 करोड़ रुपए प्रोत्साहन पारिश्रमिक का भुगतान किया गया है. संग्राहक परिवारों के हित में शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दू पत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत् अब तक 4692 हित ग्राहियों को 71.02 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान की गई है. 


वन अधिकारों के क्रियान्वयन में भी अग्रणी


वन अधिकारों के क्रियान्वयन में भी छत्तीसगढ़ देश में अग्रणी राज्य है. छत्तीसगढ़ सरकार ने लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया है. लाख उत्पादक कृषकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करने की योजना भी लागू की है. इसके फलस्वरूप आज लाख उत्पादक किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं.


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