Chhattisgarh Minister TS Singh Deo Bastar Visit: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (TS Singh Deo) बस्तर (Bastar) दौरे से लौट आए हैं. मंत्री चार दिन के दौरे में बस्तर संभाग और रायपुर संभाग के धमतरी जिले पहुंचे थे. अपने दौरे में स्वास्थ्य मंत्री ने पंचायत और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा की है. इसके बाद रायपुर (Raipur) पहुंचते ही टीएस सिंह देव ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपने दौरे को लेकर कई महत्वपूर्ण बात रखी. बस्तर दौरे के दौरान कलेक्टर, एसपी के नहीं आने पर टीएस सिंह देव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा इज्जत देना आप नहीं सिखा सकते है. मनरेगा कर्मियों की मांग पर भी उन्होंने बयान दिया है.


अगला फोकस पेसा कानून पर होगा
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से पेसा कानून लागू करने की मांग हो रही है. मंत्री टीएस सिंह देव ने पेसा कानून को लेकर कहा कि अब पेसा कानून पर फोकस किया जाएगा. गैर अनुसूचित समाज के लिए अनुपातिक समाज के लिए प्रतिनिधि आएंगे, उन्हें अनुपातिक लाभ मिलेगा. पेसा नियमों को लेकर लोग भ्रम फैला रहे हैं. ग्राम सभा मजबूत नहीं है, ग्राम सभा का अधिकार पेसा कानून में है.


कोयला खनन के लिए ग्रामीण नहीं देना चाहते हैं जमीन
कोयला खदानों के आवंटन को लेकर लगातार प्रदेश के ग्रामीण विरोध कर रहे है. इस पर अब तक कोई निर्णय लिया गया है. लेकिन मंत्री टीएस सिंह देव ग्रामीणों के विरोध पर सहमत नजर आ रहे है. उन्होंने कहा कि मेरे विधानसभा के लोग स्वयं जमीन नहीं देना चाहते हैं. वो कहते हैं कि दोबारा ग्राम सभा का आयोजन किया जाए. गांव के बाहर के लोगों को गांव का आदमी बताकर प्रस्ताव कहीं-कहीं पेश किया गया है.


स्वास्थ्य मंत्री बोले इज्जत देना आप नहीं सिखा सकते
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बस्तर दौरे के दौरान एसपी, कलेक्टर के नहीं पहुंचने पर कहा कि अधिकारियों में शिष्टाचार तो होना चाहिए. यदि मंत्री उनके क्षेत्र में जाएं तो अधिकारियों को शामिल होना चाहिए. व्यवहार और आचरण बनता है, तो उन्हें मिलना चाहिए. इसके लिए मैं शिकायत नहीं करूंगा, क्योंकि इज्जत देना आप नहीं सिखा सकते. इसके अलावा हेलीकॉप्टर के नहीं मिलने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चार दिनों के लिए नहीं मिल पाता है.


मनरेगा कर्मियो का नियमितीकरण थोड़ा मुश्किल होगा
मनरेगा कर्मियो के धरने पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मनरेगा कर्मीयों से मिलना मेरे लिए संयोग था और उनको अनदेखा कर मेरा निकलना अच्छा नहीं लगता. उनकी मांगों को सरकार में रखूंगा. पारिश्रमिक हम बढ़ा सकते हैं, लेकिन नियमितीकरण थोड़ा मुश्किल होगा. अपको बता दें की स्वास्थ्य मंत्री जब धमतरी जिले से गुजर रहे थे तब सड़क पर धरना दे रहे मनरेगा कर्मियों से उन्होंने मुलाकात की थी. 


ये भी पढ़ें: 


Chhattisgarh के सरकारी स्कूल की अनूठी पहल, यहां ट्रेन में बैठकर पढ़ाई करते बच्चे, जानें कैसे  


Chhattisgarh: बस्तर की इन प्राचीन प्रतिमाओं को है संरक्षण की दरकार, बेपरवाह नजर आ रहा है पुरातत्व विभाग