Chhattisgarh: सूरजपुर में बेखौफ सड़कों पर वाहन दौड़ा रहे नाबालिग, दुर्घटना की बढ़ी आशंका, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
Surajpur: इस संबंध में सूरजपुर के यातायात प्रभारी बृजेश पांडेय ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को पहले हमारी टीम जाकर समझाएगी. यदि वे फिर भी नहीं माने तो कानूनी रूप से कार्रवाई की जाएगी.
Surajpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) के नाबालिग छात्र (Minor Students) नियमों को ताक पर रखकर सड़क पर फर्राटे भर रहे हैं. जिले के दतिमा (Datima) इलाके में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं से न तो बड़े सबक ले रहे हैं और न ही शिक्षित. जिम्मेदार नागरिक समझे जाने वाले लोगों ने स्कूल जाने के लिए अपने बच्चों को बाइक (Bike) व स्कूटी (Scooty) थमा दी है.
स्कूटी-बाइक से स्कूल जा रहे नाबालिग
क्षेत्र के हाई स्कूल बतरा, देवी अहिल्या बाई पब्लिक स्कूल, हाई स्कूल करंजी, हाई स्कूल लटोरी, हाई स्कूल करवां, हाई स्कूल सलका, हाई स्कूल भटगांव के स्कूल में नाबालिग छात्र बाइक और छात्राएं स्कूटी लेकर स्कूल पहुंच रहे हैं. नाबालिगों का वाहन चलाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है पर उसकी परवाह न तो अभिभावकों को है और न ही शिक्षकों को. यही वजह है कि शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के नाबालिग वाहन चालकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.
जिम्मेदारों ने साधा मौन
नाबालिगों के वाहन चलाने के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है. बच्चे बगैर हेलमेट के तेज गति से मोटरसाइकिल चलाते सड़कों पर दिख रहे हैं लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. ये नाबालिग किसकी अनुमति से सड़क पर वाहन दौड़ा रहे हैं इस प्रश्न पर पुलिस, परिवहन अधिकारी, यातायात विभाग सभी मौन साधे हुए हैं. ट्रैफिक पुलिस को बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है.
स्कूल प्रबंधन क्यों नहीं ले रहा एक्शन
बता दें कि सूरजपुर के लगभग सभी स्कूलों में बाइक व स्कूटी से छात्र-छात्राओं के स्कूल पहुंचने का नजारा देखा जा रहा है. निजी और सरकारी सभी हाई स्कूल और हेयर सेकंडरी स्कूल के साइकिल स्टैंड में छात्र-छात्राओं की बाइक व स्कूटी खड़ी रहती हैं. हायर सेकेंडरी तक में पढ़ने वाले सभी बच्चे 18 से कम उम्र के रहते हैं. स्कूल प्रबंधन को यह भी पता होता है कि जो बच्चे बाइक या स्कूटी से आ रहे हैं, वे नाबालिग हैं लेकिन स्कूल प्रबंधन इस पर कोई एक्शन नहीं लेता.
नाबालिगों के वाहन चलाने पर 25 हजार रुपए तक है जुर्माना
मामूल हो कि पहले नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर कोई जुर्माना नहीं लगता था पर अब 25 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. इसके साथ ही वाहन का पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है. गाड़ी के मालिक व अभिभावक को दोषी मानते हुए उनके ऊपर कार्रवाई भी की जा सकती है.
नाबालिग नहीं माने तो होगी कानूनी कार्रवाई
इस संबंध में सूरजपुर के यातायात प्रभारी बृजेश पांडेय का कहना है कि नाबालिग बच्चों को स्कूल जाने के लिए मोटरसाइकिल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये. अभिभावकों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे बाइक लेकर बाहन न जाएं. उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को पहले हमारी टीम समझाएगी और यदि वे नहीं माने तो फिर उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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