बस्तर की बेटी और प्रदेश की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों तेजनिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत लैंड एडवेंचर का पुरस्कार मिला है, दरअसल नैना सिंह धाकड़ भारत की पहली महिला बन गई हैं जिसने माउंट एवरेस्ट और माउंट लहोत्से में 10 दिनों के भीतर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई की है और इस साहसिक कार्य के लिए राष्ट्रपति ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत 15 लाख रुपए की राशि, स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर दिल्ली राष्ट्रपति भवन में नैना का सम्मान किया है, जिसको लेकर नैना सिंह धाकड़ के परिवार वालों में और पूरे बस्तरवासियों में खुशी का माहौल है.


लैंड एडवेंचर के लिए नैना को मिला पुरस्कार


दरअसल युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय भारत सरकार ने तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय लैंड एडवेंचर पुरस्कार के लिए बस्तर की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ को चुना था, और 30 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नैना को पुरस्कार प्रदान किया. यह पुरस्कार चार श्रेणियों में लैंड एडवेंचर, वॉटर एडवेंचर, एयर एडवेंचर और लाइफ टाइम अचीवमेंट में दिया गया. इस पुरस्कार में प्रत्येक को 15 लाख रुपये और स्मृति चिन्ह के साथ प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, लैंड एडवेंचर के लिए बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ को यह पुरस्कार मिला है, नैना सिंह धाकड़ यह राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला बन गयी हैं.


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माउंट एवरेस्ट व माउंट लहोत्से में 9 दिनों के भीतर की चढ़ाई


दरअसल छत्तीसगढ़ के बस्तर के एक छोटे से गांव टाकरागुड़ा में रहने वाली 31 साल की नैना सिंह धाकड़ पिछले 13 सालों से पर्वतारोहण के रूप में पूरे छत्तीसगढ़ में जानी जाती है. बीते साल जून माह में 9 दिन के भीतर दुनिया के सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट में 8848.86 मीटर और चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट लहोत्से में 8 हजार 516 मीटर पर चढ़ाई करके नैना ने इतिहास रचा था, और जिसके बाद छत्तीसगढ़ के साथ पूरे देश में नैना की चर्चा होने लगी.


पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड दर्ज करा चुकी है, वहीं भूटान, नेपाल, उत्तराखंड, सिक्किम लेह लद्दाख और 20 से भी अधिक ऊंची चोटियों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी है. यही वजह है कि इस साल युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार में लैंड एडवेंचर पुरस्कार के लिए बस्तर की नैना सिंह धाकड़ को चुना गया था, और  30 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नैना सिंह धाकड़ को स्मृति चिन्ह 15 लाख रुपये की राशि और प्रमाण पत्र देकर सम्मान किया, जिसको लेकर बस्तर के साथ-साथ पूरे छत्तीसगढ़ वासियों में काफी उत्साह का माहौल है.


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