छत्तीसगढ़ शासन ने 3 जगहों के नाम बदलने का फैसला किया है. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बाबत निर्देश दिये हैं. इसमें चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान का नाम बदलने के निर्देश दिए गए हैं. अब चंदखुरी को माता कौशल्याधाम चंदखुरी, गिरौदपुरी को बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी और सोनाखान को शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से जाना जाएगा.
जगहों के नाम बदलने की ये रही वजह
दरअसल लंबे समय से जनप्रतिनिधि और स्थानीय इन स्थानों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे. इसके लिए राज्य शासन जल्द ही राजपत्र में इन तीनों स्थानों के नए नामकरण संबंधी अधिसूचना का प्रकाशन किया जाएगा. बता दें कि संसदीय सचिवों और विधायकों ने गुरौधपुरी के नाम बदलने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक पत्र सौंपा था. वहीं छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत रामसुंदर दास ने भी हरेली के दिन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चंदखुरी का नाम माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने का अनुरोध किया था.
चंदखुरी नाम बदलकर माता कौशल्याधाम चंदखुरी करने का निर्णय
रायपुर से लगे चंदखुरी में विश्व का इकलौता कौशल्या मंदिर है. वहां माता कौशल्या के साथ भगवान श्रीराम अपने बालरूप में विराजे हैं. छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का मायका और श्रीराम का ननिहाल माना जाता है. राज्य शासन ने देश-प्रदेश के लाखों लोगों के श्रद्धा के केंद्र चंदखुरी को श्रीराम वन गमन पर्यटन परिपथ में शामिल कर वहां तालाब के बीच स्थित माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार और तालाब का सौंदर्यीकरण कराया है. तालाब के पास ही भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा भी स्थापित की गई है.
गिरौदपुरी का नाम अब बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में स्थित गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायियों की आस्था का केंद्र है. यह बाबा गुरू घासीदास की जन्मस्थली और तपोभूमि है. सतनाम समाज और स्थानीय लोग लंबे समय से गिरौदपुरी को बाबा गुरू घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से प्रतिष्ठित करने की मांग कर रहे थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज उनकी यह मांग पूरी कर दी है.
सोनाखान का नया नाम होगा शहीद वीरनारायण सिंह धाम
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में ही स्थित सोनाखान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद वीरनारायण सिंह के नाम से जाना जाता है. अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तारी के बाद 10 दिसम्बर 1857 को उन्हें रायपुर के जयस्तंभ चौक में फांसी दे दी गई थी. सोनाखान में जन्मे बिंझवार जनजाति के शहीद वीरनारायण सिंह की वीरता और गरीबों के लिए संघर्ष को याद रखने के लिए जनप्रतिनिधि लंबे समय से सोनाखान का नाम उनके नाम से जोड़ने की मांग कर रहे थे. सोनाखान के शहीद वीरनारायण सिंह धाम सोनाखान के रूप में नए नामकरण से क्षेत्रवासियों और जनजाति समाज की पुरानी मांग पूरी हो रही है.
इसे भी पढ़ें:
Baloda Bazar: 10 रुपये देने का लालच देकर नाबालिग से दो हैवानों ने किया रेप, पुलिस ने किया गिरफ्तार