Chhattisgarh: आदिवासियों का पारंपरिक हथियारों के साथ अनिश्चितकालीन आंदोलन, जानें क्या है मांग
Tribals Strike: नारायणपुरा जिले में पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बस्तर संभाग के पांच जिलों के हजारों ग्रामीण धरना दे रहे हैं. वे अपनी मांगों के लिए पारंपरिक हथियारों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर हैं.
Narayanpur News: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में पेसा कानून और पांचवीं अनुसूची का पालन करने जैसे पांच सूत्रीय मांगों को लेकर बस्तर संभाग के पांच जिलों के हजारों ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने नारायणपुर जिले के छोटेडोंगर मुख्य मार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है. सभी ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. ये ग्रामीण मूलवासी बचाओ समन्वय, जन संघर्ष समिति के बैनर तले धरने पर बैठे हुए हैं. संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, कोंडागांव और नारायणपुर से हजारों की संख्या में ग्रामीण सड़क पर बैठे हुए हैं. जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक अनिश्चितकालीन आंदोलन में डटे रहने की बात कह रहे हैं.
जल जंगल जमीन लूटना चाहती है सरकार
दरअसल लंबे समय से छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाका नारायणपुर में ग्रामीण पेसा कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं. पांचवीं अनुसूची का पालन करने की मांग ग्रामीणों के द्वारा लंबे समय से की जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार उनके जल जंगल जमीन को लूट रही है. बिना ग्रामीणों से रायशुमारी और ग्राम सभा से अनुमोदन लिए बगैर नए पुलिस कैम्प और बड़े-बड़े खदानों को खोलने की प्लानिंग की जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर खदानों के सुरक्षा के लिए पुलिस कैंप खोले जाएंगे तो पुलिस के जवानों का ग्रामीणों पर अत्याचार बढ़ेगा और झूठे केस में उन्हें फसाया जाएगा. साथ ही नक्सली बताकर उन्हें जेल में बंद किया जाएगा. ऐसे में वे चाहते हैं कि उनके इलाके में पुलिस कैंप ना खोला जाए, ना ही खदान खोला जाए. उनका कहना है कि किसी भी कीमत पर नया पुलिस कैंप नहीं खोला जाएगा.
पारम्परिक हथियार लेकर धरने पर ग्रामीण
इससे पहले भी ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर चुके लेकिन इस बार मंगलवार को सुबह से ही हजारों की संख्या में ग्रामीण तीर धनुष लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे हैं. ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा है कि जब तक उनकी पांच सूत्रीय मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे इस इलाके से नहीं हिलेंगे और ना ही पुलिस कैंप स्थापित होने देंगे. उनका कहना है कि उनके जल जंगल जमीन से सरकार उन्हें बेदखल नहीं कर सकती. जब तक ग्राम सभा में नये पुलिस कैम्प खोले जाने के लिए अनुमोदन नहीं लिया जाता, पेसा कानून और पांचवीं अनुसूची का पालन नहीं किया जाता वे धरने पर बैठे रहेंगे. इधर इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से मुख्य मार्ग पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. वहीं धरने पर बैठे ग्रामीणों को लेकर अब तक पुलिस के आला अधिकारी और प्रशासन की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.
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