Narva project: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाटन ब्लॉक में चल रहे नरवा प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने मानसून में विलंब होने से नरवा प्रोजेक्ट की अंतिम फिनिशिंग के लिए और समय मिल जाने की बात की. मुख्यमंत्री के अनुसार प्रोजेक्ट की भूमि पर मुरुम की मिट्टी है जहां तेजी से पानी का बहाव होता है. जिस वजह से कुछ-कुछ दूरी पर स्ट्रक्चर का बनाना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने मौके पर प्रोजेक्ट का मेप देखकर अधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट्स तय समय पर पूरा करने के साथ-साथ नरवा प्रोजेक्ट्स की बारीक मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिये.
किसानों काे होगा दोहरा लाभ
मुख्यमंत्री ने ग्राम खुड़मुड़ी के अंतर्गत रूही से उफरा नाले में बनाए जा रहे चेक डैम का भी निरक्षण किया. यह डैम 7.3 किलोमीटर लंबा होगो और इसकी लागत 95.96 लाख रुपये है. इस डैम के बनने से करीब 70 एकड़ भूमि में सिंचाई की क्षमता बढ़ेगी. मुख्यमंत्री के अनुसार जहां नरवा प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है वहां लोग अब दो फसल लगाने लगे हैं. मौजूदा प्रोजेक्ट पूरा होने पर वहां रबी के फसल को बहुत मदद मिलेगी.
सिंचाई योग्य भूमि बढ़ेगी
पूरे प्रदेश में नरवा, गरवा, घुरवा और बारी के तहत सिंचाई भूमि को बढ़ाने और भू-जल स्रोत को अनुकूल बनाये रखने के लिए नाला बंधान का कार्य किया जा रहा है. नरवा प्रोजेक्ट के लिए पाटन विकासखंड के अंतर्गत 98 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है. इसके तहत 180.53 किलोमीटर लंबा 74 नाले का काम किया जा रहा है. पाटन विकासखंड क्षेत्र के कुल कैचमेंट एरिया 90,445.81 हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए 26 डीपीआर बनाया गया है. इस कार्य के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की एजेंसी बनायी गई है.
पानी से किसानों को मिलेगा लाभ
बारिश के समय पानी के सही रखरखाव ना होने की वजह से पानी एक जगह नहीं रुक पाता, जिससे किसानों को गर्मी के समय में पानी की कमी हो जाती है. किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिये नरवा प्रोजेक्ट का काम शुरु किया गया. इससे बारिश के पानी को लंबे समय तक रोका जा सकेगा और किसानों को दोहरी फसल के लिये पानी की कमी नहीं होगी.
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