Dantewada Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में 26 अप्रैल बुधवार को नक्सलियों की ओर से किए गए ब्लास्ट में 10 जवानों की शहादत के बाद इस मामले में दंतेवाड़ा पुलिस ने 12 से अधिक हार्डकोर नक्सलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. साथ ही पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर इसका भी खुलासा किया है कि नक्सलियों ने इस ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए घटना से करीब एक से डेढ़ महीने पहले ही सुरंग बनाकर सड़क के करीब 15 फीट नीचे आईईडी लगा रखा था, जिसकी वजह से जवानों की ओर से डी-माइनिंग के दौरान यह बम डिटेक्ट नहीं हो पाया. इसी वजह से नक्सली इस ब्लास्ट को अंजाम देने में कामयाब हो गए.
दरभा डिवीजन कमेटी के हैं ये नक्सली
पुलिस ने इस हमले में शामिल नक्सली संगठन के दरभा डिवीजन कमेटी के नक्सली कैडर चैतू, देवा, मंगतू, रनसाय, जयलाल ,बामन ,सोमे, राकेश, भीमा और अन्य के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया है. इसके अलावा पुलिस ने ब्लास्ट से ठीक पहले बुधवार की सुबह नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में शामिल दरभा डिवीजन कमेटी के माओवादी कैडर जगदीश, लखमे, लिंगे, सोमड़ी, महेश ,हिड़मा, उमेश, देवे नंदकुमार ,लखमा कोसा, मुकेश और अन्य नक्सलियों के खिलाफ भी आर्म्स एक्ट और यूएपीए ऐक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. हालांकि, जवानों ने इन नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद मौके से दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम लखमा कवासी और मलिशिया सदस्य सन्ना उर्फ कोसा माड़वी हैं. इन्हें पकड़ कर पुलिस दंतेवाड़ा मुख्यालय ला रही थी और इसी दौरान नक्सलियों ने जवानों से भरे वाहन को ब्लास्ट कर उड़ाया.
ब्लास्ट से पहले सुबह हुई नक्सलियों से मुठभेड़
बस्तर आईजी सुंदरराज पी से मिली जानकारी के मुताबिक, दंतेवाड़ा एसपी को नक्सली नेताओं के बारे में मुखबिर से सूचना मिलने के बाद 25 अप्रैल की रात DRG और नहाड़ी कैम्प के सीएएफ के जवानों की संयुक्त टीम को नक्सलियों के इलाके में रवाना किया गया. बुधवार सुबह नक्सलियों से जवानों की करीब एक घंटे तक मुठभेड़ चली और इस दौरान जवानों को सफलता भी मिली. जवानों ने एक घायल नक्सली के अलावा एक अन्य नक्सली को मौके से गिरफ्तार भी किया. साथ ही नक्सलियों का विस्फोटक सामान भी बरामद किया. उसके बाद घायल नक्सली के तत्काल इलाज के लिए करीब 3 वाहनों में जवान अरनपुर से दंतेवाड़ा मुख्यालय के लिए निकले.
तीन वाहनों में से एक को विस्फोट से उड़ाने में कामयाब रहे नक्सली
इसी दौरान इन तीन वाहनों में से एक टेंपो ट्रैक्स वाहन को नक्सलियों ने अरनपुर और समेली के बीच ब्लास्ट कर उड़ाया. उसके बाद नक्सलियों की स्माल एक्शन टीम ने फायरिंग भी की, लेकिन इस फायरिंग से कोई हताहत नहीं हुआ और नक्सली भाग निकले. इस ब्लास्ट में DRG के 10 जवान शहीद हो गए और एक वाहन चालक भी मारा गया. आईजी ने बताया कि इस हमले में मारे गए 5 शहीद जवान सरेंडर किए हुए नक्सली थे, जिन्हें पुनर्वास नीति के तहत पुलिस में नौकरी दी गई थी और जिसके बाद डीआरजी की टीम में शामिल होकर यह जवान नक्सलियों से लोहा ले रहे थे.
डी- माइनिंग से भी डिटेक्ट नहीं हो पाई आईईडी
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि घटनास्थल पर पुलिस के आला अधिकारियों के निरीक्षण के बाद प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि नक्सली इस सड़क पर 50 किलो वजनी आईईडी को लगभग 1 से डेढ़ महीने पहले सड़क के किनारे से सुरंग खोदकर लगाए थे और जिसके तार को सड़क के किनारे घने जंगल से होकर जमीन के नीचे लगभग 2 से 3 इंच दबाकर 150 मीटर दूर तक ले जाकर मौका का फायदा उठाकर ब्लास्ट किया. आईजी ने बताया कि ऐसी सड़कों में बीडीएस की टीम की मदद से डी-माइनिंग की कार्रवाई की जाती है, लेकिन इस हमले में ऐसा लग रहा है कि 50 किलो वजनी आईईडी को सुरंग खोदकर फॉक्स होल को सड़क के काफी नीचे लगाई गई थी जिसके कारण डी-माइनिंग के दौरान यह आईईडी बम डिटेक्ट नहीं हो पाया. जिसके चलते नक्सलियों ने इस ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया.
आसपास के इलाकों में जारी है सर्चिंग अभियान
फिलहाल इस घटना में शहीद सभी जवानों को शासन की नक्सल पीड़ित पुनर्वास नियम के तहत उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति, आर्थिक सहायता और समस्त सुविधाएं देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इस हमले और मुठभेड़ में शामिल सभी नक्सलियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने के साथ ही घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रो में जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ की ओर से एंटी नक्सल ऑपरेशन और सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है.
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