Chhattisgarh: चार सालों में बदली नक्सलगढ़ की तस्वीर, घटनाओं में कमी, नए साल में बस्तर पुलिस की क्या है रणनीति?
साल 2022 में केवल 9 जवानों की शहादत हुई है. नक्सली पुलिस का सिर्फ एक हथियार लूट पाने में कामयाब हुए. सुंदरराज पी ने बताया कि संभाग के अलग-अलग जिलों में सरेंडर अभियान चलाए जा रहे हैं.
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Chhattisgarh News: नक्सलगढ़ कहे जाने वाले बस्तर संभाग की पिछले 4 वर्षों में तस्वीर बदली है. साल 2022 बस्तर पुलिस के लिए उपलब्धियों भरा रहा. पिछले साल सबसे कम नक्सली घटनाएं हुईं. नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को भी सबसे कम नुकसान पहुंचा. बीते साल सबसे ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया. बस्तर आईजी सुंदरराज पी को उम्मीद है कि 2022 की तरह नया साल भी पुलिस के लिए साबित होगा. नक्सलियों को बैकफुट पर लाने में सफलता मिलेगी. 2023 में नक्सलियो के खिलाफ नयी रणनीति बनाकर काम होगा. निश्चित तौर पर आने वाले 2 वर्षों में बस्तर नक्सलवाद के दंश से मुक्त होगा.
1 लाख से ज्यादा जवान नक्सल मोर्चे पर तैनात
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, बीएसएफ, एसटीएफ, आइटीबीपी, सीआईएसएफ, कोबरा, CAF, SSB के करीब 1 लाख से ज्यादा जवान नक्सल मोर्चे पर तैनात होकर बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने में लगे हुए हैं. जवानों ने बीते साल नक्सलियों को बैकफुट पर लाने और सरेंडर करने पर मजबूर किया है. 20 वर्षों के बाद संभव हो सका है. उन्होंने बताया कि 2022 में 227 नक्सली घटनाएं हुईं. आंकड़ा बीते 4 साल के मुकाबले काफी कम है और 68 पुलिस नक्सली मुठभेड़ हुए. मुठभेड़ों में 30 नक्सली मारे गए हैं. 415 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. पुलिस ने 290 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.
मुठभेड़ और अन्य घटनाओं में कुल 130 हथियार पुलिस ने बरामद किए हैं. 45 हथियार ऑटोमेटिक समेत AK-47, इंसास और SLR शामिल हैं. खास बात है कि साल 2022 में केवल 9 जवानों की शहादत हुई है. नक्सली पुलिस का सिर्फ एक हथियार लूट पाने में कामयाब हुए. दुर्भाग्यवश 2022 में 31 आम नागरिकों की नक्सलियों ने हत्या की है. आंकड़ा बीते 3 सालों के मुकाबले कम है. 4 वर्षों में बस्तर संभाग के सातों जिलों में पुलिस ने 54 नए पुलिस कैंप, थाना और चौकी अलग-अलग घोर नक्सल प्रभावित जगहों पर स्थापित किया है. दौरान पुलिस को आम जनता के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है. पुलिस की समझाइश के बाद 54 कैंपों को खोल पाने में पुलिस को सफलता हासिल हुई. सुंदरराज पी ने बताया कि संभाग के अलग-अलग जिलों में सरेंडर अभियान चलाए जा रहे हैं. साल 2022 में सरेंडर 415 नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत लाभ भी दिया जा रहा है.
साल 2023 के लिए पुलिस ने बनाई नयी रणनीति
आईजी ने कहा कि साल 2023 में भी पुलिस नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति बनाकर काम करेगी. नक्सलियों के मांद में ज्यादा से ज्यादा पुलिस कैंप खोलने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नक्सली मांद में पुलिस कैंप खुलने के बाद सड़क और कनेक्टिविटी के काम में तेजी आ गई है. ग्रामीणों के लिए भी कम्युनिटी पुलिसिंग का काम बेहतर तरीके से हो रहा है. इसी का नतीजा है कि ग्रामीणों का पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है और नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास भी पहुंच रहा है. पुलिस साल 2023 में भी त्रिवेणी योजना विकास, विश्वास और सुरक्षा के तहत काम करेगी. आईजी ने दावा किया है कि बस्तर जरूर नक्सल मुक्त होगा. नए साल में नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी के मेंबर निशाने पर रहेंगे. जवानों ने जिंदा पकड़ने या मुठभेड़ में मार गिराने का संकल्प लिया है.
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