Chhattisgarh Naxalite News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर ग्रामीण और सर्व आदिवासी समाज का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है. घटना के दूसरे दिन से बड़ी संख्या में ताड़मेटला गांव में ग्रामीण धरना पर बैठे हुए हैं और लगातार अपना आंदोलन जारी रखे हुए हैं. वहीं अब इस मामले में सर्व आदिवासी समाज ने सीबीआई जांच की भी मांग की है.


सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियो का कहना है कि फर्जी मुठभेड़ का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर मौत के घाट उतारा गया है. ऐसे मामले की जांच भी कभी पूरी नहीं होती. इसलिए इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई है, ताकि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो सके.


हजारों ग्रामीण कर रहे धरना प्रदर्शन
दरअसल बीते 5 सितंबर को जिले के ताड़मेटला गांव में हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए थे, मारे गए नक्सलियो को निर्दोष ग्रामीण युवक बताते हुए इनके परिजन और गांव वालों ने दोनों ही ग्रामीण को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने का आरोप जवानो पर लगाया. वहीं सीपीआई नेता मनीष कुंजाम ने भी इसे फर्जी मुठभेड़ बताते हुए लगातार ग्रामीणों के साथ आंदोलन में डटे हुए हैं.


सीबीआई जांच की मांग की है
वहीं अब  धीरे-धीरे यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है. ताड़मेटला गांव के आसपास के लोगों के साथ ही बीजापुर, दंतेवाड़ा जिले से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण इस कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. इस मामले में सर्व आदिवासी समाज ने भी ग्रामीणों का समर्थन करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.


उग्र आंदोलन की चेतावनी 
सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी हूंगाराम मरकाम ने बताया कि इस कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने धरना प्रदर्शन कर ताड़मेटला मुठभेड़ की न्यायिक जांच के साथ सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सोपा है. साथ ही सर्व आदिवासी समाज ने 15 दिनों में मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है. 


समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से इस मुठभेड़ के बाद पुलिस के जवानों ने परिजनों को बिना बताए दोनों ग्रामीणों के शवो को गांव के जंगल में जलाया और उनकी मोटरसाइकिल भी छिपा दी.  इससे साफ जाहिर होता है कि जवानों ने अपने अधिकारियों के कहने पर फर्जी मुठभेड़ कर निर्दोष ग्रामीणों की हत्या कर दी है. दोनों ग्रामीण रवा देवा  और सोढ़ी कोसा  पढ़े-लिखे युवक है.


उनके पास पेन कार्ड से लेकर आधार कार्ड भी है और रवा देवा का बकायदा किराने का दुकान भी है, बावजूद इसके इन्हें नक्सली बताकर इनका एनकाउंटर कर दिया गया, यह पूरी घटना संदेह के दायरे में है, इसलिए सर्व आदिवासी समाज ग्रामीणों के साथ इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहा है.


मुख्यमंत्री ने दिए हैं जांच के आदेश
गौरतलब है कि इस मामले में इस क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा भी बस्तर पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं. वही सोमवार (18 सितंबर) को बीजापुर पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मामले की जांच कराने की बात कही है. हालांकि इस मुठभेड़ को लेकर बस्तर पुलिस के अधिकारी मारे गए दोनों युवकों को नक्सली बता रही है और इनके पास इसके पुख्ता सबूत होने का भी दावा कर रही है.


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