Chhattisgarh Governor Biswabhusan Harichandan: बिस्वा भूषण हरिचंदन छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल बन गए हैं. बिस्वा भूषण हरिचंदन को बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी ने शपथ दिलाई है. इस आयोजन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) भी शामिल हुए. यह शपथ ग्रहण समारोह के राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित किया गया था, जहां विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (Charan Das Mahant) और मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद थे.


बुधवार को राज्य के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन रायपुर पहुंचे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट पहुंचकर नए राज्यपाल का स्वागत किया और इसके बाद नए स्टेट हैंगर में राज्यपाल को गार्ड आफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया. वहीं तय कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को सुबह 11:30 बजे नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन का राजभवन में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी ने शपथ दिलाई.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया स्वागत


बता दें कि छत्तीसगढ़ में अब तक रही राज्यपाल अनुसुइया उईके की मंगलवार को विदाई दी गई है. इसके अगले ही दिन राज्य के नए राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन रायपुर पहुंचे. वहीं नए राज्यपाल के स्वागत में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बिस्वा भूषण हरिचंदन अनुभवी राजनेता हैं. वे पांच बार विधायक रहे, अनेक विभागों के मंत्री रहे और राज्यपाल के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी है. छत्तीसगढ़ को उनके अनुभवों का लाभ मिलेगा.


बिस्वा भूषण हरिचंदन का जन्म एक साहित्यकार नाटककार स्वतंत्रता सेनानी के घर में 3 अगस्त 1934 में हुआ है. बिस्वा भूषण का जन्म ओडिशा के खोरधा जिले में हुआ. बिस्वा ने एससीएस कॉलेज पूरी से अर्थशास्त्र में ओनर्स की डिग्री, एमएस लॉ कॉलेज कटक से एलएलबी की डिग्री ली है. इसके बाद बिस्वा ने 1962 में हाईकोर्ट बार और 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए है. कड़ी मेहनत के बल पर बिस्वा एक और राजनीतिक नेता के रूप में अब ओडिशा के साथ देश में मंझे हुए राजनेता हैं.


बिस्वा का राजनीतिक करियर क्या है?


बता दें की बिस्वा भूषण हरिचंदन ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में शामिल हुए थे. इसके लिए उन्हें एमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा था. उन्होंने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष के रूप में  1974 में सुप्रीम कोर्ट में जजों के अधिक्रमण के खिलाफ ओडिशा में वकीलों के आंदोलन का नेतृत्व किया. इसके बाद बिस्वा भूषण राजनीति से जुड़ गए. उनके राजनीतिक कैरियर की बात करें तो अब तक बिस्वा ओडिशा में 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने 1977, 1990, 1996, 2000 और 2004 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है.


ओडिशा में बीजेपी के फाउंडर है हरिचंदन


इसके अलावा बिस्वा भूषण हरिचंदन अपने काबिलियत के दाम पर ओडिशा सरकार में 4 बार मंत्री पद पर बने रहे. बिस्वा के पास राजस्व, कानून, ग्रामीण विकास, उद्योग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और रोजगार, आवास, सांस्कृतिक, मत्स्य पालन और पशु विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी थी. बिस्वा भूषण हरिचंदन 1980 में ओडिशा राज्य के बीजेपी के संस्थापक थे. इसके बाद 1988 तक तीन और कार्यकाल के लिए उन्हें अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा वे 13 साल तक यानी 1996 से 2009 तक ओडिशा विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता भी रहे है.


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