Raigarh News: छत्तीसगढ़ के कोरबा वन मंडल के हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है जिन्होनें बीती रात फिर जमकर उत्पात मचाया और एक ही रात में हाथियों के झुंड ने 39 किसानों की फसलों को तबाह कर दिया. कोरबा के 25 हाथियों का समूह रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में पिछले 3-4 दिनों से डेरा डाले हुए है. इसके अलावा वन मंडल में एक सौ से अधिक 111 हाथियों का समूह के विचरण करने से वन विभाग के नुमाइंदों की भी नींद उड़ी हुई है जो अनवरत हाथियों के समूहों पर नजरे जमाये बैठे है. 


सैकड़ों एकड़ धान की फसलों को रौंदा


गौरतलब है कि धरमजयगढ़ वन मंडल के किसानों की समस्याएं समाप्त होते नहीं दिख रहा है, जो डेढ़ दशक से धरमजयगढ़ के किसानों पर कहर बन कर गिर रही है. कहने का तात्पर्य यह है कि धरमजयगढ़ में हाथियों के उत्पात को लेकर न जाने कितनी योजनाएं बनाई गई परंतु आज पर्यंत तक ऐसी कोई भी योजना कारगर सिद्ध नहीं हुआ जिसमें किसानों की समस्याओं का समाधान हुआ हो. इसी कड़ी में कल रात कोरबा के 25 हाथियों के विशाल समूह तथा वन मंडल में विचरण कर रहे 111 हाथियों के दल ने कल एक ही रात में 39 किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की फसलों को रौंद कर तबाह कर दिया.


खदेड़ने के नाम से छूट जा रहे है पसीने


वन मंडल के जंगलों में तीन बड़े ऐसे दल है जिनके सामने जाना तो दूर से ही हाथियों को खदेड़ने के नाम से विभागीय नुमाइंदों के पसीने छूट जा रहे है. इसमें खास कर बेहरामार बीट के 571 एवं 572 आरएफ में विचरण कर रहे 35 हाथी तथा सिधीझाप बीट के 491 एवं 502 आरएफ एवं रूपंगा बीट के 460 आरएफ में विचरण कर रहे 24 हाथियों का दल प्रमुख रूप से किसानों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है. उन्हें खदेड़ना तो दूर उनके नजदीक भी जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी.


इन किसानों की फसल तबाह


विभागीय जानकारी के अनुसार हाथियों के दल ने नरकालो, फत्तेपूर, उदउदा के तकरीबन 10 किसान तथा चाल्हा बताती के 3 एवं जामपाली के 3 हाटी के 8 तथा बेहरामार के 5 व लामीखार एवं चुहकीमार के 5 तथा कटाईपाली के 5 किसानों की दर्जनों एकड़ खेत में लहलहा रहे धान की फसलों को खा कर अपनी भूख मिटाई और उत्पात मचाकर फसलों को नुकसान कर दिया है.


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