Raigarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में कर्मचारी शुरुआत के दिन पूजा-पाठ करने के बाद से किसानों के इंतजार में बैठे हैं. खरीदी शुरू हुए 20 दिन गुजर चुका है, लेकिन अब तक केवल 20 सेंटरों में 116 किसानों ने ही धान बिक्री किया है. बाकी केंद्रों में अभी भी बोहनी का इंतजार है. 20 दिनों में 10 हजार 935 क्विंटल धान खरीदी हुई है. इसमें 10 हजार 853 क्विंटल जहां मोटा यानी टिकरा धान है.


वहीं केवल 82 क्विंटल ही सरना धान है. यानी अभी तक सरना धान की कटाई शुरू नहीं हो पाई है. कुछ खेत तो ऐसे हैं जहां अभी पानी की जरूरत है, वहां किसान सिंचाई कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद ऐसे खेतों में धान कटाई होगी. कृषि विभाग के हिसाब से अभी केवल 15 फीसदी की कटाई हुई है वह भी केवल मोटा धान की. कटाई में जब तक तेजी नहीं आएगी तब तक खरीदी सेंटरों में बोहनी का इंतजार रहेगा.


20 दिनों में 10 हजार 935 क्विंटल धान खरीदी


प्रदेश में बीते 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू हो गई है. 20 दिनों में 10 हजार 935 क्विंटल धान खरीदी हुई है. यह भी केवल 20 सेंटरों में. रायगढ़ जिले में 69 समितियों के माध्यम से 105 केंद्रों में धान खरीदी हो रही है. इस साल 83 हजार 631 किसानों ने धान बिक्री के लिए पंजीयन कराया है. इतने किसानों का 1 लाख 24 हजार 709.82 हेक्टेयर रकबा का पंजीयन हुआ है. अभी प्रति एकड़ 20 क्विंटल ही खरीदी हो रही है. चूंकि चुनाव से पहले ही यह आदेश आ चुका था, ऐसे में समिति प्रबंधकों द्वारा अभी इसी आदेश का पालन किया जा रहा है. हालांकि अभी कटाई नहीं होने के कारण खरीदी केंद्रों में विरानी छाई हुई है. समिति के कर्मचारी खाली बैठकर किसानों का इंतजार कर रहे हैं. 


किसानों की मानें तो अभी कुछ खेत ऐसे भी हैं जहां पानी की जरुरत पड़ रही है. इन खेतों में बोर पंप से सिंचाई की जा रही है. धान पकने की स्थिति में है. ऐसे में खेतों में नमी जरूरी है. नमी नहीं होने से नीचे से ही पौधे सूखने लगते हैं. सिंचाई करने के बाद धान पक भी जाए तो काटने में दिक्कत होती है ऐसे में खेत के सूखने का इंतजार करना पड़ेगा. अभी किसान असमंजस में हैं. दोनों ही शीर्ष पार्टियों के चुनावी घोषणा के मुताबिक किसानों को इस बार ज्यादा लाभ होने वाला है. ऐसे में जो किसान कटाई कर भी लिए हैं उनके द्वारा धान बिक्री नहीं की जा रही है. किसानों को यह चिंता सता रही है कि समय से पहले बिक्री कर दिया तो बाद में उसे उसका लाभ नहीं मिल पाएगा. इसके कारण मोटा धान को भी बिक्री करने से किसान कतरा रहे हैं. जिन किसानों ने बिक्री किया है वह धान मोटा है और उसे रखने की भी समस्या है. इसके कारण बिक्री कर दिया है. 


20 क्विंटल हुआ तो बढ़े किसान


बीते साल जिले में 76 हजार से अधिक किसानों का धान बिक्री के लिए पंजीयन हुआ था. इस बार 83 हजार 631 किसानों का पंजीयन हुआ है. ऐसे में बीते साल से साढ़े सात हजार से अधिक किसान बढ़ गए हैं. किसानों के बढ़ने का कारण प्रति क्विंटल धान को बढ़ाने को माना जा रहा है. अभी किसान प्रति एकड़ 20 क्विंटल ही बिक्री कर रहे हैं.


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