Mahasamund News: इन दिनों देश में ऑनलाइन गेम का प्रचलन काफी है. छोटी सी उम्र में बच्चे वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले में एक होनहार बच्चे ने सच्ची लगन के साथ प्रदूषण रोकने वाली इलेक्ट्रिक कार बनाई है. कार बनाने वाले इस बच्चे का नाम जय है और 13 साल की छोटी उम्र में ही अनोखा कारनामा अंजाम दिया है. दरअसल जय बचपन से ही इलेक्ट्रिक उपकरण को जोड़कर कुछ नया बनाने में लगा रहता था. घर के सामने तोड़ फोड़ से परिवार वाले हमेशा परेशान रहते थे. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर जय का मुंह बोला भाई समरपाल बैस कतर में नौकरी करते हैं. समरपाल ही जय की पढ़ाई का खर्च उठाते हैं.
टेस्ला की किताब ऑनलाइन पढ़कर बनाई इलेक्ट्रिक कार
जय को इलेक्ट्रिक कार बनाने की प्रेरणा स्कूल से मिली. अक्सर जय के शिक्षक पर्यावरण प्रदूषण को लेकर पाठ पढ़ाते हैं. इससे प्रेरित होकर जय ने घर में ऑनलाइन रोबोट बुक पढ़कर एक छोटा रोबोट बनाया. इसके बाद उसने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रसिद्ध टेस्ला की किताब ऑनलाइन पढ़कर इलेक्ट्रिक कार बनाने का सामान जुटाना शुरू कर दिया. कुछ सामान जय के भाई ने ऑनलाइन खरीदकर भी भेजा. जय दो बार इलेक्ट्रिक कार बनाने में असफल हुआ. इसके बाद भी जय ने आस नहीं छोड़ी और तीसरे प्रयास में इलेक्ट्रिक कार बनाने में सफल हो गया.
एक बार की चार्जिंग में 6 किमी तक चलती है इलेक्ट्रिक कार
जय की इलेक्ट्रिक कार में 5 हॉर्सपावर का एक मोटर, मोटर कंट्रोलर , लॉक सिस्टम, लाइट, एक्सीलेटर, चार्जिंग कंट्रोलर, चार 12V की बैटरी, चार सायकल का पहिया लगाया. तैयार होने के बाद इलेक्ट्रिक कार एक चार्जिंग में 6 किमी की दूरी तय करती है और 80 किलो का वजन एक बार में ले जा सकती है. जय अभी आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है. चार भाई- बहनों में उसका नंबर तीसरा है. जय के पिता एक निजी फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बच्चों की परवरिश बुआ के घर हो रही है. जय की सफलता से परिजन काफी खुश नजर आ रहे हैं. जय की बुआ और मां दोनों अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. भविष्य में जय आगे डॉक्टर रोबोट बनाने की इच्छा रखता है और इंजीनियर बनने का सपना है.