Education Department Diary Case: छत्तीसगढ़ के चर्चित स्कूल शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की कथित डायरी का रायपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया है. मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि सुनियोजित तरीके से अधिकारियों और शिक्षा विभाग के लोगों को बदनाम करने की साजिश थी. साक्ष्य मिटाने की धारा 201 समेत और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
दरअसल पिछले कुछ दिनों से स्कूल शिक्षा विभाग में तबादले को लेकर करोड़ों रुपए की लेनदेन की एक कथित डायरी वायरल हुई थी और स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी के नाम पर फर्जी शिकायत भी की गई थी. मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखा था. इसके बाद ही पुलिस ने मामले में छानबीन कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
स्पीड पोस्ट से शिकायत की कॉपी की गई थी वायरल
रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि राखी थाना में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी आशुतोष चावरे की शिकायत पर पुलिस ने एक टीम गठित की थी. हमने जांच में पाया कि स्पीड पोस्ट के माध्यम से शिकायत की कॉपी वायरल की गई थी. इसलिए पोस्ट ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज से कपिल कुमार देवदास की पहचान हुई. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण किया. कपिल ने अपने मोबाइल फोन से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर से संपर्क करना पाया गया. इसके बाद धीरे धीरे साजिश की कड़ी खुलती गई.
रिटायर्ड डीईओ ने इंतकाम लेने के लिए रचा षडयंत्र
रायपुर जिले के के रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी गेंदाराम चन्द्राकर की सेवानिवृत्ति जनवरी 2021 में हुई. गेंदाराम चन्द्राकर संविदा पद पर नियुक्ति चाह रहे थे. कई प्रयास के बावजूद उनको सफलता नहीं मिली. वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा की नियुक्ति उस पद पर हो गई. संविदा नियुक्ति की फाइल रुकवाने के पीछे एएन बंजारा, संयुक्त संचालक केसी काबरा, तत्कालीन ओएसडी आरएन सिंह, एबीईओ प्रदीप शर्मा और निजी सचिव अजय सोनी की मिलीभगत को जिम्मेदार मानता था. खीजमें सबक सिखाने के उद्देश्य से चन्द्राकर ने मित्र संजय सिंह के माध्यम से शिक्षा विभाग में ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर लेनदेन की मनगंढ़त कहानी बनाकर शिकायत करने की योजना बनायी.
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