जहां पूरे देश में कोरोना संक्रमण (Coronavirus) कम होने के बाद स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है तो वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में कई निजी स्कूल बंद होने जा रहे हैं. स्कूल संचालकों ने इन्हें बंद करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया है. दरअसल, कोरोना महामारी से निजी स्कूलों को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है. स्कूल प्रबंधक द्वारा शिक्षकों को वेतन ना दे पाना व लगातार 2 सालों से स्कूल बंद रहने से स्कूल संचालकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. अभिभावकों द्वारा फीस नहीं देने और एडमिशन नहीं होने की वजह से कई स्कूलों में तालाबंदी के लिए आवेदन दिया है. स्कूल संचालकों ने बताया कि इन स्कूलों में प्राइमरी और मिडिल स्कूल शामिल हैं. 


शिक्षा विभाग ने शुरू की कार्रवाई
उधर, शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों की मान्यता को खत्म करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. शिक्षा विभाग के मुताबिक, सबसे ज्यादा स्कूल सत्र 2019-20 और 2020-21 में बंद हुए. लॉकडाउन के कारण कई अभिभावकों की नौकरी छूट गई और स्कूलों की फीस भरनी बंद कर दी गई, जिसके बाद स्कूलों में तालाबंदी की नौबत आ गई. इस स्कूल बंदी के कारण अब सबसे ज्यादा मुसीबत में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत पढ़ने वाले बच्चे हैं. हालांकि विभाग ने इन बच्चों को आसपास के स्कूलों में शिफ्ट करने की तैयारी कर ली है.


क्या बोले अधिकारी?
जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि जिले में 63 प्राइवेट स्कूलों को बंद करने का आवेदन जिला शिक्षा विभाग को मिल गया है. सभी स्कूल संचालकों को बुलाकर विचार किया जाएगा. जो संचालक स्कूल चलाने में असमर्थ हैं, उस स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि मीट सत्र होने के कारण कम से कम इस सत्र तक स्कूल संचालन करने के लिए निर्देश दिए हैं. उसके बाद स्थिति सामान्य रहे तो स्कूल खोलने के लिए भी आवेदन कर सकते हैं या फिर स्कूल बंद करने के लिए भी आवेदन दे सकते हैं.



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