Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कोरिया (Koriya) जिले में पहली बार आयोजित हुए "झुमका जल महोत्सव" (Jhumka jal Mahotsav)  में बीती रात शरारती तत्वों ने जमकर उत्पात मचाते हुए तोड़फोड़ की. एक तरफ मंच पर गायक धुन छेड़ रहे थे, तो दूसरी ओर दर्शक दीर्घा में मानो ज्यादा कुर्सियां तोड़ने की होड़ मची हुई थी. कार्यक्रम समाप्त होने पर जब लोग वहां से चले गए तो आयोजन स्थल का नजारा किसी युद्ध के मैदान की तरह दिखाई दे रहा था.


असामाजिक तत्वों  ने तोड़ी कुर्सियों


अब कार्यक्रम के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ी गई लगभग 700 कुर्सियों का पैसा कौन देखा, यह चिंता टेंट वाले को सताने लगी हैं। उन्होंने कहा सुखबीर के गानों पर पूरा प्रशासन झूम रहा था, तो पुलिस क्या कर रही थी, जो इतनी कुर्सियां तोड़ते तक किसी भी असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई नहीं कर पाई. अब इन टूटी कुर्सियों का पैसा कौन देगा, यह बड़ा सवाल उठ रहा है. बता दें कि "झुमका जल महोत्सव" में बॉलीवुड गायक सुखबीर सिंह के भांगड़ा गानों पर दर्शक जमकर झूम रहे थे. सुखबीर के गानों में दर्शक दीर्घा के लोग उत्साह के साथ नाच-गा रहे थे, वहीं दूसरी ओर दर्शक दीर्घा में शामिल असामाजिक तत्व जमकर कुर्सी तोड़ रहे थे. मानों असामाजिक तत्व महोत्सव का आनंद लेने नहीं, बल्कि दर्शक दीर्घा की कुर्सी तोड़ने पहुंचे थे. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जब लोग वापस अपने घर जाने लगे तो कार्यक्रम स्थल ऐसा दिखाई दे रहा था, जैसे युद्ध हुआ हो. 


कुर्सियों की तोड़फोड़ को नहीं रोक पाए सुरक्षा में लगे जवान 


कार्यक्रम के दौरान हो रही तोड़फोड़ को सुरक्षा में लगे जवान भी नहीं रोक पाए, वे भी सुखबीर के गानों का आंनद ले रहे थे. इस तोड़फोड़ से कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा के प्रश्न खड़े हो गए हैं. लोगों का मानना है कि इस लापरवाही से असामाजिक तत्व किसी बड़ी घटना को भी अंजाम दे सकते थे. इस संबंध में एबीपी न्यूज ने कोरिया एसपी त्रिलोक बंसल से चर्चा कि तो उन्होंने कहा "कार्यक्रम खत्म होने के बाद कुछ कुर्सियां टूटी है. 6-7 सौ कुर्सियां नहीं टूटी है. टेंट वाले का अगर नुकसान हुआ है, और वह शिकायत देगा, तो जरूर कार्रवाई की जाएगी.


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