(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: एनआईसी द्वारा लांच किए गए नए सॉफ्टवेयर में आ रही गड़बड़ी, रोजगार पंजीयन का डाटा गायब, परेशानी में पड़े युवा
Ambikapur: अंबिकापुर में रोजगार कार्यालय में पंजीयन के लिए NIC द्वारा लांच किए गए नए सॉफ्टवेयर की धीमी गति और पुराना डाटा गायब होने के चलते नवीनीकरण में भी बेरोजगारों की परेशानी बढ़ गई है.
Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में रोजगार कार्यालय में पंजीयन के लिए एनआईसी द्वारा लांच किए गए नए सॉफ्टवेयर की धीमी गति और पुराना डाटा गायब होने के चलते नवीनीकरण में भी बेरोजगारों की परेशानी बढ़ गई है. रोजगार पंजीयन के लिए कार्यालय में हर रोज विद्यार्थी, बेरोजगार पहुंच रहे हैं. मगर उनकी परेशानी दूर होने का नाम नहीं ले रही है. युवाओं का कहना है कि मौजूदा समय में पुलिस, सेना, वन सहित अन्य विभागों में विभिन्न पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आयोजित की गई है, मगर रोजगार कार्यालय में ऑनलाइन पंजीयन में आ रही बाधा के चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नौकरी के लिए आवेदन करते समय रोजगार पंजीयन अनिवार्य होता है. जिसके चलते विद्यार्थी कार्यालय का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
विद्यार्थियों का कहना है कि पूर्व में ऑफलाइन पंजीयन किया जाता था. उस दौरान पंजीयन के लिए कार्यालयों में भीड़ उमड़ती थी. जिससे कई विद्यार्थियों को भीड़ के चलते दो से तीन दिन तक चक्कर लगाना पड़ता था. वर्तमान समय में रोजगार कार्यालयों में ऑनलाइन पंजीयन किए जाने विद्यार्थियों को आसानी से पंजीयन होने के चलते बड़ी राहत मिली थी, मगर मौजूदा समय में जनवरी माह से नए सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी, धीमी गति के चलते विद्यार्थी भटकने के लिए मजबूर हो रहे हैं. ऑनलाइन कैफे, च्वाइस सेंटरों के माध्यम से पंजीयन करते है, मगर सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के चलते वे न तो पंजीयन करा पा रहे है और न ही नौकरी के लिए आवेदन कर पा रहे हैं. जिससे बेरोजगारों के समक्ष सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी नौकरी के लिए भी बाधक बन रही है. बताया जा रहा है कि सरगुजा में लगभग 40 हजार जीवित रोजगार पंजीयन है जिसमें से लगभग 5 हजार पंजीयन का हर वर्ष नवीनीकरण होता है.
वरिष्ठता का भी उठाना पड़ रहा नुकसान
रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने के बाद नवीनीकरण के लिए तिथि अंकित होती है. उक्त तिथि अथवा इसके दो माह बाद तक नवीनीकरण नहीं करा पाने पर बेरोजगारों का पंजीयन रद्द हो जाता है. जिससे उन्हें दोबारा पंजीयन कराना पड़ता है ऐसी स्थिति में बेरोजगारों को वरिष्ठता का भी नुकसान उठाना पड़ता है. विद्यार्थियों का कहना है कि वर्तमान समय में नए सॉफ्टवेयर में पुराना डाटा नहीं दिख रहा है जिसके चलते नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है. जिससे उन्हें नए सिरे से पंजीयन फार्म भरना पड़ रहा है. सॉफ्टवेयर की धीमी गति के चलते नए पंजीयन में भी काफी दिक्कत हो रही है.
निजी सेंटरों में वसूल रहे 150 से 200
रोजगार कार्यालय में पंजीयन की समस्याओं को लेकर पहुंचे संजय सिंह नामक युवक ने बताया कि निजी ऑनलाइन सेंटरों में ऑनलाइन पंजीयन करने के नाम पर 150 से 200 रुपए का मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है. जिससे आर्थिक रूप से कमजोर युवकों की परेशानी बढ़ गई है. पंजीयन के लिए उन्हें मात्र फोटो स्कैन करना पड़ रहा है और ऑनलाइन आवेदन करने पर प्रमाण पत्र तुरंत मिल रहा है. जिससे अधिकतम 20 से 30 रुपए का शुल्क लिया जाना चाहिए. प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण निजी च्वाइस सेंटरों की मनमानी बढ़ गई है.
नवीनीकरण नहीं होने से नहीं भर पा रहे फार्म
लुण्ड्रा के संजीत तिर्की ने बताया कि उनका रोजगार पंजीयन की तिथि अब समाप्त हो गई है. इस तिथि के बीतने दो माह तक नवीनीकरण कराने का अवसर मिलता है, मगर सॉफ्टवेयर में पुराना डाटा नहीं मिलने के कारण उनके पंजीयन का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है. वे वन विभाग की भर्ती में भाग लेना चा रहे थे, मगर पंजीयन बाधा के चलते उनकी परेशानी बढ़ गई है.
उच्चाधिकारियों को कराया गया अवगत
उप संचालक रोजगार एसपी त्रिपाठी ने बताया कि पुराना सॉफ्टवेयर से दो जनवरी तक पंजीयन हुआ था. इसके बाद एनआईसी के द्वारा नया सॉफ्टवेयर लांच किया गया, मगर सॉफ्टवेयर की त्रुटियों और धीमी गति के चलते नए पंजीयन में बाधा आ रही है वहीं पुराने पंजीयन का डाटा भी नहीं दिख रहा है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में उच्च कार्यालय को अवगत कराया गया है, जिससे सॉफ्टवेयर में सुधार जारी है.
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