Chhattisgarh News: मंत्री बन गए अमरजीत, फिर भी मैनपाट में नहीं हो सका विकास, खाट पर जाते हैं मरीज
मैनपाट क्षेत्र के कई ग्राम पंचायत के ग्रामीण विकास से कोसों दूर है. आज भी पहाड़ी कोरवा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सड़क, पुलिया सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.
![Chhattisgarh News: मंत्री बन गए अमरजीत, फिर भी मैनपाट में नहीं हो सका विकास, खाट पर जाते हैं मरीज Chhattisgarh news Amarjeet has become a minister But still development could not happen in Mainpat ann Chhattisgarh News: मंत्री बन गए अमरजीत, फिर भी मैनपाट में नहीं हो सका विकास, खाट पर जाते हैं मरीज](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/07/741182d69ee1c8b9be842dc4edcb56a41694076729424369_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Surguja News: छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले सरगुजा जिले के मैनपाट इलाके में ग्रामीण क्षेत्र के लोग आजादी के 76 वर्ष बाद भी विकास से कोसो दूर है. आलम यह है कि क्षेत्र के ग्रामीण पगडंडी रास्ते से आवागमन करने को मजबूर है. जबकि गांव में कोई बीमार हो तो उसे कई किलोमीटर दूर खाट में ढोकर ले जाना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि सड़क, पुलिया की समस्याओं से वर्षों से जूझ रहे क्षेत्र के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि सहित प्रशासन को समस्याओं से अवगत नहीं कराया है. बावजूद इसके ग्रामीणों की समस्या आज तक दूर नहीं हो सकी, जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों को व्यवस्थित सड़क व पुलिया नसीब नहीं हो सकी.
दरअसल, मैनपाट क्षेत्र के कई ग्राम पंचायत के ग्रामीण विकास से कोसों दूर है. आज भी पहाड़ी कोरवा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में सड़क, पुलिया सहित मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवाओं को आज भी गांव में कोई बीमार हो गया तो उसे कई किलोमीटर दूर मुख्य मार्ग पर खड़ी एंबुलेंस तक ले जाने के लिए खाट या झेलगी (कांवर) का सहारा लेना पड़ता है. एक ओर पगडंडी रास्ता तो दूसरी ओर नदी नाला होने पर मरीज को ले जाने में परिजन को काफी दिक्कतों का सामना पड़ता है. इसके अलावा गांव के लोगों को शासकीय कार्य सहित अन्य काम के लिए आने-जाने के दौरान भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि सड़क, पुलिया सहित गांव की अन्य समस्याओं को लेकर कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व प्रशासन को अवगत कराया गया है. परंतु आज तक समस्या दूर नहीं हो सकी. क्षेत्र के ग्रामीणों ने सड़क व पुलिया निर्माण कराने की मांग की है जिससे उन्हें आवागमन के लिए एक बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके.
मरीजों के लिए झेलगी बना सहारा
मैनपाट क्षेत्र के आधा दर्जन ग्राम पंचायत ऐसे है जहां आवागमन के लिए पक्की सड़क व पुलिया नहीं है. ऐसे में आज भी ग्राम पंचायत असगवां, सुगापानी, ढाबपारा, बोर्याखुटि, दुर्गापारा, सुपलगा सहित अन्य ग्रामीण इलाकों के लोग व्यवस्थित सड़क व पुलिया नहीं होने से पगडंडी रास्ता पर चलने मजबूर है, जबकि मछली नदी में पुलिया नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के लिए खाट या झेलगी (कांवर) ही एक मात्र सहारा बन गया है.
हर बरसात में बह जाता है पुल
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात को छोड़ अन्य मौसम में आवागमन में परेशानी न हो इसे ध्यान में रखकर लकड़ी का पुल बनाकर आवागमन करते है. परंतु जैसे ही बरसात का मौसम शुरू होता है और तेज बारिश होने पर लकड़ी का पुल बह जाता है. इस प्रकार की समस्या हर वर्ष होती है. ऐसे में बारिश के मौसम में जान जोखिम में डालकर मछली नदी को पार करते है. नदी भरे होने पर एनीकट के सहारे नदी को पार किया जाता है जिससे थोड़ी सी भी गलती हुई तो जान भी जा सकती है.
सड़क, पुलिया के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीण
मैनपाट के ग्रामीण पहाड़ी इलाकों में लोगों को सड़क और पुल के लिए संघर्ष करते देखा जा सकता है. ग्राम पंचायत असगवा के ग्रामीणों का कहना है की बरसात के पूरे 3 महीने असगवा गांव सहित आसपास के कुछ गांव पहुंचविहीन क्षेत्र हो जाता है. गांव के लोगों द्वारा अक्टूबर, नवंबर माह में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पुलिया निर्माण किया जाता है, वह भारी बारिश से बह जाता है. क्षेत्र के लोग सड़क व पुलिया नहीं होने का दंश झेल रहे है. सीतापुर एसडीएम रवि राही ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है. ग्रामीणों की जो मांग है उसे पूरी की जाएगी.
अमरजीत भगत चार बार विधायक
इस क्षेत्र से अमरजीत भगत चौथी बार विधायक चुने गए है. इस बार तो खाद्य मंत्री भी बन गए. इसके बावजूद मैनपाट इलाके में मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है. जब प्रदेश में इनकी सरकार नहीं थी तब हर बार लोगों के सामने सरकार ना होने का रोना रोते थे. अब कांग्रेस सरकार में हैं, पाँच साल हो गया फिर भी विकास की किरण इलाक़े के कई गाँव तक नहीं पहुँच पाई है. सड़क, पुल, पुलिया नहीं होने से मैनपाट इलाके के कई गांव बरसात में टापू में तब्दील हो जाते है. लोगों का मुख्य मार्ग से पूरी तरह संपर्क कट जाता है. कई गांव के लोगों ने तो विकास नहीं होने पर चुनाव बहिष्कार का ऐलान भी कर दिया है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)