Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में संचालित होली क्रॉस कॉन्वेंट स्कूल के छात्र-छात्राओं ने एक अनोखी पहल की है. छात्र-छात्राओं ने बेकार पड़े प्लास्टिक के रैपर को इकट्ठा कर जिस कंपनी के द्वारा प्रोडक्ट बनाए गए हैं, उसे वापस भेजा रहे हैं. दरअसल, होली क्रॉस कॉन्वेंट स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा पिछले कई सालों से इस तरह से लैस, कुरकुरे, चॉकलेट सहित अन्य प्रोडक्ट के रैपर को इकट्ठा कर 25 दिसंबर और नए साल के अवसर पर हर साल उपहार के स्वरूप में कंपनी को भेजते हैं.
पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ
होली क्रॉस कॉन्वेंट स्कूल अम्बिकापुर में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने कोविड के दो साल बाद अब फिर से बेकार पड़े रैपर को संबंधित कंपनी में भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. छात्र-छात्राओं ने बताया कि प्लास्टिक के रैपर से मिट्टी, समुद्र में मौजूद जीव जंतुओं सहित पशुओं को भी इससे खासा नुकसान पहुंचता है. जिससे उनकी मौत भी हो जाती है. इसलिए हम कंपनी को बताना चाहते हैं कि प्लास्टिक की जगह कोई दोबारा उपयोग करने वाली वस्तुओं के साथ अपना प्रोडक्ट बनाने पर विचार करें. जिससे कि पर्यावरण दूषित ना हो सके. गौरतलब है कि इन छात्र-छात्राओं के कार्यों की सराहना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ट्वीट के जरिए कर चुके हैं.
क्या कहा छात्र-छात्राओं ने?
छात्रा अलीशा परवीन ने बताया कि हम दो साल से प्लास्टिक इकट्ठा कर रहे हैं. इसका कारण यह है कि दुनिया में इतने सारे प्लास्टिक हैं. वह डिग्रेड नहीं हो पा रहे हैं और उससे हमें बहुत सारे नुकसान हो रहे हैं. जीव जंतु फेंके हुए प्लास्टिक खा लेते हैं जिससे उनकी मौत हो जा रही है. हमारा मेन थीम यह है कि समुद्र किनारे जो जीव जंतु हैं उनकी मौत हो रही है, उसे हम काबू में कर पाए. इसलिए नया प्लान शुरू किया है कि सभी प्लास्टिक को इकट्ठा करके उसे जिन कंपनियों से आए हैं. उन्हें वापस किया जाएगा.
एक और छात्रा पलक लाल ने बताया कि पिछले 2 साल से प्लास्टिक इकट्ठा कर रहे हैं क्योंकि, प्लास्टिक डिस्पोज हो जाता है. जिसे मछलियां खा कर मर जाती हैं. हमारे वजह से दूसरे जीव-जंतुओं का नुकसान हो रहा है. इसलिए हमारी सोच है कि जितने भी लेस, कुरकुरे के प्लास्टिक होते है. उसे इकट्ठा करके संबंधित कंपनी को वापस भेजते हैं. हमारे इस काम के लिए स्कूल प्रबंधन की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है.
क्या कहा होली क्रॉस कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर जैसी ने?
होली क्रॉस कॉन्वेंट स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर जैसी ने बताया कि, यह सब बच्चों की पहल है. कक्षा नवमी और ग्यारहवीं के बच्चे खुद से प्लास्टिक की चीजों को जमा कर यह मैसेज देना चाहते हैं कि प्लास्टिक यूज नहीं करें. जो कंपनी इन को प्रोड्यूस करता है उनको भी यही बताना चाहते हैं कि प्लास्टिक को प्रोड्यूस ना बनाएं. इको फ्रेंडली मैटेरियल यूज करें, ताकि वह रिसाइकिल हो सके और पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचा सके. प्लास्टिक से मनुष्य सहित पेड़ पौधों को भी नुकसान है इसके लिए बच्चे जागरूक हैं. पिछले साल भी बच्चे यह काम किए थे. बच्चों की इस अनोखी पहल को लेकर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ट्वीट कर सराहना कर चुके हैं, लेकिन लोगों पर इसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. इसलिए दोबारा इस काम को फिर से कर रहे हैं.