Sakti News: छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के 213 आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है. बताया जाता है कि यहां पदस्थ परियोजना अधिकारी ट्रेनिंग में चले गए थे. उनके स्थान पर जैजैपुर परियोजना अधिकारी को प्रभार दिया गया था, लेकिन वे भी माहभर से यहां नहीं आए थे. दूसरी ओर परियोजना अधिकारी 8 जनवरी को ट्रेनिंग से वापस लौटकर पदभार ग्रहण कर लिया हैं, लेकिन जिले के अधिकारियों द्वारा उन्हें वित्तीय प्रभार नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते वे फाइल में हस्ताक्षर भी नहीं कर पा रहे हैं. इसके चलते यहां इस प्रकार की स्थिति निर्मित हो रही है. इधर वेतन का भुगतान नहीं होने से कार्यकर्ताओं का तो घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को नहीं मिला वेतन
परियोजना के अंतर्गत आने वाले 213 आंगनबाड़ी केंद्र है. यहां पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को विगत दो माह से वेतन नहीं मिल पाया है, जिसके कारण सभी परेशान हैं. जबकि अन्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को हर माह नियमित वेतन मिल रहा है. बताया जा रहा है कि मालखरौदा में पदस्थ परियोजना अधिकारी ट्रेनिंग में चले गए थे, इस बीच जैजैपुर के परियोजना अधिकारी को प्रभार दिया गया था, जो इन एक महीने में पहुंचे ही नहीं है, जिसके चलते परियोजना कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका यहां तक की सुपरवाइजर तक का वेतन नहीं मिल पाया है, जिसके कारण सभी परेशान हैं. कार्यकर्ताओं का तो घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. उनके द्वारा लगातार ब्लॉक के बाबू एवं ऑपरेटर को वेतन भुगतान करने के लिए अवगत कराया जाता है.
वेतन में देरी होना का ये है कारण
दूसरी ओर परियोजना अधिकारी जो की ट्रेनिंग में गए थे वे 8 जनवरी को परियोजना अधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिए हैं, लेकिन जिले के अधिकारियों द्वारा उन्हें वित्तीय प्रभार नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते वे फाइल में हस्ताक्षर भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में समझा जा सकता है पूरे जिले का व्यवस्था किस प्रकार से चल रहा है. यहां तक की सक्ती जिले में जिला कार्यक्रम अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद उनका पद खाली है. इसी प्रकार डभरा ब्लॉक में भी परियोजना अधिकारी का पद खाली है. जिसके चलते विभाग की जमीनी स्तर की सारी शासकीय कार्यक्रम अस्त-व्यस्त हो चला है.
शीघ्र ही वेतन भुगतान होगा- कलेक्टर
सक्ती जिले के अपर कलेक्टर वीरेंद्र लकड़ा ने बताया कि परियोजना अंतर्गत कार्यरत अगर आंगनबाड़ी, कार्यकर्ता सहायिका को वेतन नहीं मिला है, तो उसके बारे में संबंधितों से जानकारी ली जाएगी तथा शीघ्र ही वेतन भुगतान करने कार्यवाही की जाएगी.
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