Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और बड़ी पहल की है. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी (Kidney Transplant) और ब्रेन एंजियोग्राफी (Brain Angiography) भी हो सकेगा. इसके साथ ही जटिल सर्जरी, रक्त विकारों की दवाइयों को इसमें शामिल किया गया है.


जनता को मुफ्त में मिलेगा सुविधाओं का लाभ


इन योजनाओं के अंतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में इलाज के लिए सामान्य बेड, एचडीयू और आईसीयू बेड्स की दरों में बढ़ोतरी की गई है. राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग ने इलाज के पैकेजों की दर संशोधित करने और नए पैकेजों को शामिल करने के लिए नेशनल हेल्थ एजेंसी को प्रस्ताव भेजे थे. करीब 800 पैकेजों की दरों में संशोधन किया गया है. योजना में नए पैकेजों और हाई-एंड दवाईयों को शामिल किए जाने तथा पुराने पैकेजों की दरों में बढ़ोतरी से योजना के अंतर्गत पंजीकृत अस्पताल मरीजों को ज्यादा चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकेंगे. इससे मरीजों को अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के इलाज के दौरान खुद का पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा. 


लोगों को मिलेंगी ये सुविधाएं 
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत इलाज का दायरा बढ़ाते हुए क्रोनिक रीनल फेल्योर के रोगियों के लिए की जाने वाली कंटिन्युअस एम्बुलेटरी पेरिटोनियल डायलिसिस का नया पैकेज जोड़ा गया है. सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित इस पैकेज के तहत शासकीय चिकित्सालयों या निजी क्षेत्र के नेफ्रोलॉजिस्ट कैथेटर इन्सर्जन के लिए मरीज को रायपुर स्थित डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल या एम्स रिफर कर सकते हैं. मरीज चिन्हांकित शासकीय चिकित्सालयों से महीने भर के लिए सीएपीडी बैग प्राप्त कर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मिलकर यह सुविधा उपलब्ध कराएंगे. एक महीने के सीएपीडी बैग के लिए 22 हजार रुपए का पैकेज निर्धारित किया गया है.


मरीजों को मुफ्त मिलेंगी दवाइयां
डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना में शासकीय और पंजीकृत निजी अस्पतालों में इम्युनोसप्रेसिव उपचार सहित रेनल, किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी को भी शामिल किया गया है. इस पैकेज के अंतर्गत मरीजों को डोनर नेफ्रेक्टोमी  और ट्रांसप्लांट सर्जरी के साथ ही ट्रांसप्लांट के बाद एक साल तक ली जाने वाली जरूरी दवाएं मुहैया कराई जाएंगी. हाई-एंड दवाएं जैसे इम्युनोग्लोबुलिन फॉर गुइलेन बरे सिंड्रोम, कावासाकी, एल्ब्यूमिन फॉर बर्न्स, नेफ्रोटिक सिंड्रोम या हाइपोप्रोटीनेमिया को भी योजना में शामिल किया गया है. 
 


नई दर लागू होने से लोगों को मिलेंगी ये सुविधाएं
योजना के तहत पैकेज की नई दरों के लागू होने, अलग से हाई-एंड दवाईयों और जांच को शामिल किए जाने से जनरल मेडिसीन के मरीजों को अब और बेहतर इलाज उपलब्ध होगा. राज्य शासन द्वारा पैकेज की नई दरों को लागू करने के साथ ही अस्पतालों में आईसीयू के संचालन के लिए एमबीबीएस डॉक्टर और पूर्णकालिक इन्टेन्सिविस्ट की अनिवार्यता के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाएगा जिससे कि पात्र और योग्य चिकित्सकों द्वारा गंभीर मरीजों की देखभाल व इलाज की निःशुल्क सुविधा लोगों को मिल सके.


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