Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में चुनाव आयोग से मिले आदेश के बाद पिछले 3 सालों में 11 हेलीपैड नाइट लैंडिंग के सुविधा के साथ बनकर तैयार हो चुकी है. यह सभी हेलीपैड ऐसे क्षेत्रों में बनाई गयी है जहां अब तक सड़कें नहीं बनी है और पूरी तरह से पहुंचविहीन इलाके हैं और जो नक्सलियों के सबसे ज्यादा प्रभाव वाले इलाके हैं. हालांकि लोक निर्माण विभाग ने बस्तर संभाग के 18 जगहों में हेलीकॉप्टर की नाइट लैंडिंग की सुविधा के लिए हेलीपैड बनाने के लिए जगह चयन किया था. लेकिन इनमें से 3 हेलीपैड बनाने के लिए अभी भी लोक निर्माण विभाग जमीन तलाश रहा है. वहीं 3 जगह पर हेलीपैड निर्माण के कार्य को किसी कारणवश निरस्त कर दिया गया है. लेकिन 11 हेलीपैड बनकर तैयार हो चुके हैं. अब यहां आसानी से हेलीकॉप्टर की नाइट लैंडिंग की सुविधा मिल पाएगी.
18 में से 11 हेलीपैड बनकर तैयार
लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता जी.आर रावटे ने बताया कि संभाग के 7 जिलों के अलग-अलग घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 11 हेलीपैड बनकर तैयार हो चुके हैं. अब इन हेलीपैड में आसानी से नाइट में भी हेलीकॉप्टर लैंडिंग कर सकते हैं. हालांकि शुरुआती समय में एयरफोर्स के पायलटों ने इन हेलीपैड में खामियां बताई थी लेकिन इन्हें सुधारने के साथ अब इन 11 जगहों पर आसानी से नाइट लैंडिंग की सुविधा मिल सकेगी. वहीं अन्य 6 जगहों पर हेलीपैड बनाए जाने हैं. जिसमें 3 जगहों की तलाश लोक निर्माण विभाग और बस्तर पुलिस के द्वारा की जा रही है.
3 जगहों में हेलीपैड निर्माण कार्य निरस्त
3 जगहों में हेलीपैड निर्माण कार्य को निरस्त किया गया है और इसे दोबारा बनाया जा रहा है. रावटे ने कहा कि जहां अनुबंध निरस्त किया गया है. उसकी जानकारी हेड ऑफिस को भेज दी गई है. जहां जमीन समतल नहीं मिली है उसके बारे में पुलिस और एयरफोर्स को सूचना दी गई है. जमीन तय हो जाने के बाद और पुलिस की सुरक्षा मिलने पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. मुख्य अभियंता ने बताया कि कुल साढ़े 4 करोड़ की लागत से 11 नाइट लैंडिंग हेलीपैड बनकर तैयार की जा चुकी है. वहीं इस साल अन्य 7 हेलीपैड बनकर तैयार हो जाए इसकी पूरी कोशिश में विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जूटे हुए हैं.
चुनाव आयोग ने दिए थे निर्देश
दरअसल बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हेलीपैड की सुविधा नहीं होने से और हेलीकॉप्टरों की नाइट लैंडिंग की सुविधा नहीं होने की वजह से पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने इन घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नाइट लैंडिंग की सुविधा वाले हेलीपैड का निर्माण करने का आदेश दिया था. जिससे की इन क्षेत्रों में चुनाव के दौरान मतदान दलों को सुरक्षित पहुंचाया जाए और वोटिंग के बाद उन्हें वापस भी लाया जा सके. साथ ही इन क्षेत्रों में नक्सली वारदातो में घायल होने वाले जवानों को तत्काल मदद पहुंचाई जा सके. कई बार देखा गया है कि जवानों को सही समय पर एयर एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाने से उनकी शहादत भी हो जाती है. ऐसे में इस सभी मामलों को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ने जल्द से जल्द इन क्षेत्रों में हेलीपैड बनाने के निर्देश दिए थे.
सुरक्षाबलों के लिए सबसे जरूरी
इधर बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि अगर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में हेलीपैड का निर्माण पूरी तरह से हो जाता है तो इससे ना केवल घायल जवानों को एयर लिफ्ट करने में मदद मिलेगी बल्कि इन इलाकों में तैनात रहकर नक्सलियों का मुकाबला कर रहे जवानों तक राशन पानी सहित सभी सुविधा समय पर उपलब्ध हो पाएगी. उन्होंने बताया कि आज भी बस्तर के सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर में कई ऐसे पुलिस कैंप हैं जहां तक पहुंचने के लिए जवानों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है. बारिश के दिनों में तो जवान जान जोखिम में डालकर नदी-नाली को पार करके कैंप तक पहुंच पाते हैं. हेलीपैड की उपलब्धता हो जाने के बाद एक से दूसरी जगह तक जवान तेजी से मुव कर पाएंगे. जिससे एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान भी फोर्स को काफी मदद मिल पाएगी.
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