Bastar News: मुस्लिम धर्म गुरु सैयदी हाशिमुद्दीन अल गिलानी अल बगदादी इराक से दो दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचे हुए हैं. बस्तर प्रवास के पहले दिन सैयदी हाशिमुद्दीन का विशाल जुलूस निकालकर सभी समाज के लोगों ने भव्य स्वागत किया. मीडिया से बाचतीच में उन्होंने महान सूफी संत गौसे आजम के खानदान से होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि सूफी समर्थकों के बीच आकर बहुत खुशी महसूस हुई. बस्तवरासियों के शानदार स्वागत पर उन्होंने खुशी जताई. सैयदी हाशिमुद्दीन इस्लाम धर्म के आखिरी नबी की 18वीं पीढ़ी की संतान माने जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पीढ़ी का बस्तर दौरा पहला है. सैयदी हाशिमुद्दीन ने सभी बस्तरवासियों के लिए सलामती की दुआएं मांगी.
हिजाब के सवाल पर सैयदी हाशिमुद्दीन ने दिया जवाब
हिजाब पर पूछे गए सवाल के जवाब में सैयदी हाशिमुद्दीन ने हिजाब को इस्लाम धर्म का एक जरूरी हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि हर धर्म का पहनावा होता है, ठीक वैसे ही इस्लाम का भी पहनावा है. हिजाब मुद्दे पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और राजनीति गलत है. हर किसी को अपने धर्म के मुताबिक चलने की आजादी है. उन्होंने कहा कि हम अध्यात्म के गुरु हैं और सभी के लिए अमन चैन की दुआ मांगते हैं. उन्होंने बताया कि इंसानियत और धर्म एक साथ चल सकते हैं. दोनों को अलग और अपंग होने की जरूरत नहीं है.
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भारत से एक हजार साल पुराना रिश्ता- सैयदी हाशिमुद्दीन
सैयदी हाशिमुद्दीन ने कहा कि हमारा भारत से एक हजार साल पुराना रिश्ता है. गुजरात के सौदागर इराक आते रहे हैं. उन्होंने सभी क्षेत्र वासियों को अमन चैन से रहने अपील भी की. हजरत सैयदी हाशिमउद्दीन आज रात शहर के जमाल मिल मैदान में जलसा को खिताब फरमाएंगे. उनकी तकरीर को सुनने हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई है. बस्तर ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों और पूरे देश से बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग सैयदी हाशिमुद्दीन को सुनने पहुंचे हैं.