Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन का आगाज हो चुका है. आने वाले 15 जून से बस्तरवासी शहर के रेलवे स्टेशन में अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन करेंगे. दरअसल लंबे समय से बस्तरवासी रेल सुविधाओं के विस्तार की मांग और राजधानी रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने के लिए सालों से बंद पड़े रावघाट रेल परियोजना का काम तेजी से शुरू करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए कई बार रेलवे के डीआरएम से मुलाकात की जा चुकी हैं और केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखा गया है. बावजूद इसके इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
वहीं हाल ही में बस्तरवासियों द्वारा अंतागढ़ से जगदलपुर करीब 140 किलोमीटर की पदयात्रा कर रेल सुविधाओं की मांग भी की गई थी लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसी के चलते अब बस्तरवासी 15 जून से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन करने जा रहे हैं.
15 जून से आंदोलन की दी चेतावनी
बस्तर में रेल सुविधाओं की उपेक्षा को लेकर बस्तरवासियों ने आंदोलन छेड़ रखा है. पिछले दिनों इसी आंदोलन के तहत रेल सुविधाओ की मांग को लेकर नारायणपुर जिले के अंतागढ़ से लेकर जगदलपुर तक आंदोलनकारियों ने करीब 140 किमी पदयात्रा की थी. मंगलवार को भी रेल लाइन आंदोलन के बैनर तले सैकड़ों लोगों ने शहर के सीरासार चौक में धरना प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियो ने बस्तर की उपेक्षा को लेकर रेलवे प्रशासन , NMDC और जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदार ठहराया है. आंदोलनकारियो ने कहा कि बस्तर को लंबे समय से छला जा रहा है. तमाम प्रदर्शनों, निवेदनों और पत्राचार के बावजूद भी कोई सकारात्मक पहल होती नजर नही आ रही है, जिसके चलते अब आंदोलनकारियों ने 15 जून से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन की शुरुआत करने की बात कही है. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिये संकल्प लेने के साथ पूरी ताकत लगाने की बात कही गई है.
केंद्र सरकार को होगा करोड़ो रुपये का नुकसान
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर के बैलाडीला में मौजूद NMDC प्लांट से विशाखापट्टनम तक मालगाड़ियों से लौह अयस्क का परिवहन किया जाता है, और हर साल हजारो करोड़ रुपए का मुनाफा केंद्र सरकार और NMDC को होता है. गौरतलब है कि कुछ साल पहले भी इस तरह के आंदोलन से रेलवे और केंद्र सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था और एक बार फिर से बस्तरवासी अपनी मांग को लेकर 15 जून से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं.
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