Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में किरन्दुल से नगरनार के बीच NMDC के द्वारा बिछाई जा रही स्लरी पाइप लाइन का विरोध बस्तर में जारी है. आस पास के ग्रामीणो का कहना है कि ना तो उन्हें मुआवजा मिला और ना ही पाइप लाइन बिछाने की जानकारी मिली है. हमारी बिना अनुमति लिए NMDC कंपनी के द्वारा पाइप लाइन डाली जा रही है. इस बात से नाराज ग्रामीणों ने एनएमडीसी के उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर बस्तर एसपी को आवेदन दिया है.
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले बिना सूचना के एनएमडीसी कम्पनी के बड़े अधिकारी उनके गांव मावलीभाटा और उड़वा गांव पहुंचे हुए थे और जबरन ग्रामीणों का हस्ताक्षर कागजों में लेने लगे. स्लरी पाइप लाइन बिछाने के लिए जमीनों का सीमांकन भी करने लगे, जिसके बाद सभी ग्रामीणों ने मिलकर इसका विरोध किया. इस पर एनएमडीसी के अधिकारियों ने उन्हें पकड़कर पहले पंचायत भवन में बिठाया. इस बात पर एनएमडीसी के अधिकारियो के खिलाफ कोड़ेनार थाना में एफआईआर भी दर्ज कराई लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी पुलिस ने दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की है.
अब ग्रामीणों ने जगदलपुर शहर पहुंचकर एसपी से मुलाकात की और साथ ही आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात करते हुए चेतावनी दी. ग्रामीणों का कहना है कि एनएमडीसी के अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे. ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO ) सड़क निर्माण के लिए और दूसरी रेल लाइन के लिए जमीन ग्रामीणों से लिया गया था, जिसका मुआवजा भी आज तक ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है.
विरोध कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि अगर NMDC को ग्रामीणों की जमीन चाहिए तो उन्हें हर महीने आजीवन मुआवजा के तौर पर राशि मिले. इसके साथ ही एनएमडीसी के कार्य का 1 प्रतिशत राशि उन्हें आजीवन दिया जाए तो वह अपनी जमीन देने को तैयार हो जाएंगे. गांव के सरपंच ने बताया कि सर्वे के दौरान ग्राम पंचायत ने स्लरी पाइप लाइन के लिए जमीन नहीं देने का ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित हुआ था, इसके बावजूद भी एनएमडीसी के अधिकारियों द्वारा जबरन पंचायतों में पहुंचकर उनसे हस्ताक्षर लेने का काम किया जा रहा जिसका विरोध ग्रामीण कर रहे है.
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