Chhattisgarh News: भूपेश बघेल सरकार ने केंद्र सरकार से कोयला ब्लॉक को वन मंजूरी देने की सिफारिश की
भूपेश सरकार ने मंगलवार को केंद्र को पत्र लिखकर रायगढ़ जिले में महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित कोयला खदान को वन मंजूरी देने की सिफारिश की.
Chhattisgarh News: भूपेश सरकार ने मंगलवार को केंद्र को पत्र लिखकर रायगढ़(Raipur) जिले में महाराष्ट्र(Maharashtra) स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) को आवंटित कोयला खदान को वन मंजूरी देने की सिफारिश की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत(Nitin Ruat) के रायपुर में छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Bhupesh Baghel) से मुलाकात करने और रायगढ़ वन मंडल में महाजेनको को आवंटित गारे-पेल्मा सेक्टर 2 कोयला ब्लॉक के लिए आवश्यक मंजूरी पर चर्चा करने के एक दिन बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने यह कदम उठाया.
पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अनुशंसा भेजा पत्र
राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि राज्य सरकार ने रायगढ़ वन मंडल के गारे पेलमा सेक्टर-2 कोयला खदान उत्खनन परियोजना के लिए आवश्यक वन मंजूरी को लेकर केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को अनुशंसा पत्र भेजा है और गारे पेल्मा सेक्टर-2 ओपनकास्ट कोयला खदान के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि को महाजेनको के पक्ष में देने की स्वीकृति का अनुरोध किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह पत्र छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड से प्राप्त आवेदन पर सभी औपचारिकताएं तथा निर्धारित 44 बिन्दुओं की शर्तों और विवरणों को पूरा कर भेजा है.
पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने मंजूरी के लिए भूमि का दर्शाया विवरण
अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ जिले में स्थित यह कोयला ब्लॉक महाराष्ट्र की विद्युत कंपनी (महाजेनको) को आवंटित है. महाराष्ट्र में विद्युत उत्पादन के लिए कोयला की आपूर्ति इस कोयला ब्लॉक से की जानी है, जिससे भविष्य में कोयले की आपूर्ति की निरंतरता बनी रहे. उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल से महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री ने इस कोयला ब्लॉक से संबंधित सभी औपचारिकताओं को जल्द पूरा कराने का आग्रह करते हुए कोयला ब्लॉक के लिए वन मंजूरी और राज्य शासन की अनुशंसा का अनुरोध भी किया था. अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकरण में आवेदनकर्ता मेसर्स महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने मंजूरी के लिए 214.869 हेक्टेयर वन भूमि का विवरण दर्शाया है.