Chhattisgarh Latest News: छत्तीसगढ़ देश का एकलौता राज्य जहां कोई आरक्षण (Reservation) लागू नहीं है. यहां बिना आरक्षण के ही लोक सेवा आयोग में भर्ती निकाली गई है. ये दावा बीजेपी के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने किया है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने बीजेपी को आरक्षण किलर पार्टी बताया और और पीएम मोदी को करियर किलर पीएम कहा है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में रोजाना आरक्षण कटौती पर बहस जारी है. साथ ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच आमने सामने की जंग चल रही है. 


ऐसे में बुधवार को बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस सरकार को घेरा है. बीजेपी के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि देश में कहीं भी ऐसा कभी नहीं हुआ जब आरक्षण रोस्टर के बिना भर्ती का विज्ञापन निकाला गया है. ऐसा कांग्रेस ही कर सकती है. कांग्रेस के कारण छत्तीसगढ़ में कंस्टीट्यूशनअल ब्रेकडाउन हो गया है यहां ऐसी स्थिति कभी नहीं थी. वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य सरकार को क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट राजभवन को दिए गए जवाब को सार्वजनिक करने की मांग की है.


कांग्रेस का अनोखे अंदाज में प्रेस कॉन्फ्रेंस


बीजेपी के आरोपों का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने अनोखे अंदाज में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है. बुधवार को राजीव भवन में कांग्रेसियों ने 27वां दिन लिखा हुआ पोस्टर सीने में चिपका कर ये मेसेज देने की कोशिश की है कि राज्यपाल ने 27 दिन जाने के बाद भी आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किया. इसी के साथ बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने निशाना साधते हुए कहा ''बीजेपी आरक्षण किलर पार्टी और मोदी करियर किलर पीएम हैं.''


उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने खुद हस्ताक्षर करने की बात कही थी फिर विधेयक क्यों रुका है? किसके कहने पर रुका है? सरकार के 10 सवालों के जवाब के बाद भी हस्ताक्षर क्यों नहीं हो रहा है? यह सब बीजेपी की साजिश है. बीजेपी कांग्रेस को श्रेय न मिले इसलिए हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है.


खतरें में लाखों युवाओं का भविष्य
आपको बता दें कि हाई कोर्ट में आरक्षण रद्द होने के बाद सरकारी भर्तियां रुक गई है. जिनकी परीक्षा हो गई है उनके रिजल्ट भी जारी नहीं किए जा रहे हैं. कॉलेजों में एडमिशन पर छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है. 2021-22 में हुए लोक सेवा आयोग की परीक्षा का रिजल्ट अभी तक जारी नहीं किया गया है. इसमें एक लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था.


इसी तरह 2022-23 लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बिना आरक्षण रोस्टर के विज्ञापन जारी किया गया है. व्यापम की कई परीक्षाएं अटकी पड़ी है. इसमें पुलिस भर्ती प्रक्रिया भी आरक्षण रोस्टर के चलते प्रभावित हो रही है. इसके अलावा कई विभागों को भर्ती परीक्षा को आरक्षण के चलते ही स्थगित कर दिया गया है. इससे लाखों युवा परेशान हैं.


76 प्रतिशत आरक्षण पर विवाद जारी है
गौरतलब है 19 सितंबर को बिलासपुर हाई कोर्ट ने राज्य में 58 प्रतिशत आरक्षण को निरस्त कर दिया था. इसके बाद आदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. रोजाना सड़कों पर प्रदर्शन होने लगे तब सरकार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को राज्य में एसटी, ओबीसी और जनरल का आरक्षण बढ़ाने का विधेयक पारित किया. इसके बाद राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 76 पीसदी हो गया, लेकिन राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी है. इसके बाद सरकार और राजभवन के बीच टकराव जारी है.



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