(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: छोटे बच्चों में नशे की लत को लेकर कार्यशाला का आयोजन, जानें- सीएम बघेल ने क्या कुछ कहा?
Chhattisgarh Government: छोटे बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने रायपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया. यह आयोजन छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया.
Raipur News: आजकल छोटे बच्चों में नशे की लत लगने की खबर लगातार सामने आ रही है. छोटे बच्चों को नशे की लत से बचाने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने राजधानी रायपुर में एक कार्यशाला का आयोजन किया. यह आयोजन छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग के स्थापना दिवस के अवसर पर किया गया. इस आयोजन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए थे. मुख्यमंत्री ने राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कार्यशाला का दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयोग की नई वेबसाइट को लॉंच किया. मुख्यमंत्री ने आम लोगों में नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए ब्रोशर और लईका मन के गोठ पुस्तिका का विमोचन भी किया.
मुख्यमंत्री ने कही ये बातें
मुख्यमंत्री ने आम लोगों में नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए ब्रोशर और लईका मन के गोठ पुस्तिका का विमोचन भी किया. उन्होंने प्रतिभाशाली बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया. मुख्यमंत्री कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, हमारे समाज में बच्चों के अधिकारों का हनन इतना आम हो चुका है कि यह अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि बचपन में बच्चे किसी न किसी तरह से नशे के करीब चले जाते हैं. जब बच्चों की उम्र बढ़ती है तो उनका आकर्षण नशे के प्रति बढ़ने लगता है और वे नशे के आदी हो जाते हैं. नशे से बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का बहुत नुकसान होता है.
नशे के खिलाफ भियान को पूरे प्रदेश में लागू किया जएगा
उन्होंने कहा कि कोरोना काल की परिस्थितियां ऐसी थी कि बच्चे घर से बाहर नहीं जा पाते थे इसने बच्चों में मोबाइल की लत को बढ़ावा दिया. बच्चे ऑनलाइन गेम के साथ ऐसी चीजे भी देखते हैं जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. मुख्यमंत्री ने नशे के खिलाफ रायपुर, बिलासपुर और सूरजपुर में चल रहे अभियान को पूरे प्रदेश में लागू करने की बात की. इसके अलावा स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम ने कहा, बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए स्कूलों में औपचारिक शिक्षा दी जा रही है. सरकार का प्रयास है कि स्कूलों के पास नशे की दुकान न हों. फिर भी बच्चों में नशे की लत देखने को मिलती है. इसके लिए समाज और स्वैच्छिक संस्थानों की मदद जरूरत है. मंत्री ने काउंसलिंग, शिविर और बच्चों को सचेत करने के लिए दृश्य-श्रव्य (मोबईल और टीवी) के माध्यमों का प्रयोग कर नशे के नुकसान के बारे में बताए जाने की बात भी की.