Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में BJP का कांग्रेस से नहीं भूपेश बघेल से मुकाबला! जानें क्या कहते हैं मौजूदा समीकरण
Bhupesh Baghel: मुख्यमंत्री बघेल ने बदलते राज्य का जिक्र कर हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जनहित में नवाचार का प्रयोग करते हुए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की चर्चा अन्य राज्यों और देश में भी हो रही है.
Chhattisgarh Latest News: देश में संभवत: छत्तीसगढ़ ही एकलौता ऐसा राज्य होगा जहां बीजेपी के लिए कांग्रेस बड़ी चुनौती बन गई है. यहां बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से होता नजर आता है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तरफ जहां बघेल टीम है तो दूसरी तरफ पूरी बीजेपी खड़ी है. अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव तक यही हालात बने रहने के आसार हैं. राज्य की विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं. इनमें से 71 पर कांग्रेस का कब्जा है तो वहीं सिर्फ 14 विधायक बीजेपी के हैं. इसके अलावा तीन विधायक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और दो विधायक बहुजन समाज पार्टी के हैं. कुल मिलाकर विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति बहुत मजबूत है क्योंकि कांग्रेस को राज्य में दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल है. कांग्रेस के सामने जहां इसी स्थिति को बनाए रखना बड़ी चुनौती है तो बीजेपी के लिए सरकार में वापसी दूर की कौड़ी.
ये नारा दिया गया था
राज्य में कांग्रेस सत्ता में है, संगठन से ज्यादा मुख्यमंत्री बघेल की सक्रियता साफ नजर आती है. यहां कांग्रेस ही भूपेश बघेल है. बघेल के पास 2018 से पहले कांग्रेस के संगठन की कमान थी और पार्टी ने उन्हीं के नेतृत्व में जीत दर्ज की थी. चुनाव के दौरान उन्होंने राज्य के लोगों के दिल के करीब पहुंचने के लिए छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा अउ बाड़ी एला बचाना हे संगवारी. (छत्तीसगढ़ की पहचान के लिए चार चिन्ह हैं, नरवा (नाला), गरवा (पशु एवं गौठान), घुरवा (कचरे के ढेर की खाद) एवं बाड़ी (बगीचा), इनका संरक्षण जरुरी है, यह नारा दिया था. सरकार बनते ही इस पर अमल भी शुरू हुआ.
मुख्यमंत्री बघेल ने ये कहा
मुख्यमंत्री बघेल ने बदलते राज्य का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में जनहित में नवाचार का प्रयोग करते हुए चलाए जा रहे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की चर्चा अन्य राज्यों और देश में भी हो रही है. हमारा मुख्य ध्येय लोगों की आय में वृद्धि करना है. इसे ध्यान में रखकर योजनाओं का बेहतर ढंग से संचालन किया जा रहा है. इसके जरिए प्रदेश में किसान, मजदूर, युवा वर्ग और महिलाओं तथा आदिवासी आदि हर वर्ग के लोगों को आगे बढ़ने के लिए भरपूर अवसर मिलने लगा है. मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के अलावा राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना आदि कार्यक्रमों छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में बदलाव ला रहे हैं.
बीजेपी ने कहा हर वर्ग के लोग परेशान
वहीं बीजेपी के विधायक शिवरतन शर्मा का कहना है कि, राज्य में कांग्रेस की सरकार लुभावने वादे करके आई थी, मगर एक भी जन घोषणा पर अमल नहीं हुआ है. हर वर्ग परेशान है, और नाराज है. इसके चलते अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार की विदाई तय है. बीजेपी फिर सत्ता में आएगी. कांग्रेस ने राज्य में सत्ता में आते ही किसान कर्ज माफी योजना पर अमल किया तो वहीं गोधन न्याय योजना के जरिए गौठान बनाए और गोबर की खरीदी की. साथ ही महिलाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराए. वर्तमान में राज्य की बेरोजगारी दर भी देश में सबसे कम है. राजनीतिक विश्लेषक रुद्र अवस्थी का कहना है कि, यह बात पूरी तरह ठीक है कि राज्य में मुकाबला भूपेश बघेल बनाम बीजेपी ही रहने वाला है. इसकी वजह है क्योंकि बघेल ने सत्ता में आने के बाद लोगों में छत्तीसगढ़ की अस्मिता को जगा दिया है, सरकार भी यहां की संस्कृति से जुड़े त्योहारों के मौके पर आयोजन कर आमजन को अपने से न केवल जोड़ती है बल्कि उसमें अपनी संस्कृति के प्रति गौरव का भाव जगाती है.
बीजेपी राम के नाम पर सियासत करती है
अवस्थी ने आगे कहा कि, देश कि राजनीति में बीजेपी के जो महत्वपूर्ण मुद्दे हैं उनका राज्य में असर नहीं दिखा पा रही है, यहां ध्रुवीकरण संभव नहीं, पूरे देश में राम के नाम पर बीजेपी सियासत करती है मगर छत्तीसगढ़ की सरकार राम वन गमन पथ से लेकर रामायण पर प्रतियोगिताएं आयोजित करती है. बीजेपी को भी इन मुद्दों की काट नहीं सूझ रही. इसके साथ बीजेपी में वह एक जुटता नहीं है जिसकी विपक्षी दल के लिए सबसे जरुरत होती है. हां कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में किसी छत्तीसगढ़ी को उम्मीदवार न बनाकर एक सियासी चूक तो की थी, मगर उसका भी बीजेपी लाभ नहीं उठा पाई.
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