कहावत है कि सफलता का कोई कद, रंग रूप, शरीर का आकार नहीं होता, अपनी इच्छाशक्ति से मनुष्य सफलता और स्वाभिमान के रास्तों से होते हुए मिसाल कायम कर जाता है. ये कहावत सटीक बैठती है कोंडागांव जिले के फरसगांव के आलोर गांव में रहने वाली सोमारी मरकाम पर. दरअसल सोमारी मरकाम अनुवांशिक बीमारी की वजह से जन्म से ही बौनी है, लेकिन इस बीमारी को सोमारी ने अपनी सफलता के आड़े आने नहीं दिया. आज अपने दम पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना विभाग में मेट के पद पर नौकरी कर रही हैं.


सोमारी के जज्बे और हौसले के सीएम भूपेश बघेल भी कायल हैं. बघेल ने खुद सोमारी से जगदलपुर के सर्किट हाउस में मुलाकात की. सीएम ने सोमारी को मोबाइल गिफ्ट किया और उनके साथ एक सेल्फी भी ली.


कम हाइट से आई नौकरी मिलने में दिक्कत
सोमारी मरकाम ने साल 2016 में 12वीं की परीक्षा पास की. अच्छे नंबर से पास होने के बावजूद वो नौकरी के लिए दर-दर भटकती रही. कम हाइट की वजह से उन्हें नौकरी मिलने में कई परेशानियां आई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. सोमारी आज गांव के रोजगार सहायक गौरी देहारी के सहयोग से मनरेगा में मेट के पद पर नौकरी कर रही हैं.


सोमारी मनरेगा में काम के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं. सोमारी मरकाम सुबह 5 बजे उठकर मनरेगा के तहत चल रहे विकास कार्यों की साइट पर पहुंच जाती हैं. उनके काम के प्रति जुनून को देखकर ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रभावित हुए और उनसे मुलाकात करने की इच्छा जाहिर की.


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