Chhattisgarh Budget 2022: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल का चौथा बजट बतौर वित्त मंत्री पेश कर दिया है. बुधवार को सदन में 12:32 मिनट पर सीएम ने बजट भाषण शुरू किया जोकि एक बजकर 18 मिनट तक चला, यानी कुल 46 मिनट में सीएम भूपेश बघेल ने 2022-23 के लिए सरकार का रोड मैप सबके सामने रखा. इसमें सबसे बड़ी घोषणा नई पेंशन स्कीम को बंद कर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने को माना जा रहा है. इसके अलावा बजट में क्या खास है ये हम आपको बताते हैं.


बढ़ रहे क्रूड ऑयल के दाम


दरअसल कोरोना महामारी के चलते देश की आर्थिक स्थिति को लेकर काफी समय से चिंता जताई जा रही है. इसके बाद रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने वैश्विक स्तर पर बाजार का संतुलन बिगाड़ दिया है. लगातार क्रूड ऑयल के दाम बढ़ रहे है. अर्थशास्त्री देश में महंगाई बढ़ने की चेतावनी दे रहे हैं. इन विपरीत परिस्थितियों के बीच छत्तीसगढ़ सरकार के बजट को बेहतर बताया जा रहा है.


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जंग के बीच ये बजट खूबसूरत


अर्थशास्त्र प्रोसेफर अजय चंद्राकर ने एबीपी न्यूज को छत्तीसगढ़ के बजट को लेकर कहा, "पिछले तीन साल के बजट को देख लीजिए सरकार का फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के इरादे से बजट तैयार किया जाता रहा है. इस बार भी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए सात हजार सालाना आर्थिक सहायता देने का एलान किया है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना से 2500 रुपए समर्थन मूल्य में धान खरीदी कर रही है. इसके अलावा कई और योजनाएं जिससे ग्रामीणों के जेब में पैसे जा रहे है. बाजार का नियम कहता है जब लोगों के पास पैसे जाते हैं तो वो पैसा घूमकर बाजार में ही आता है. इसलिए इसे बेहतर बजट कहा जाएगा."


राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने दी बधाई


देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारी अपनी सरकार से पुराने पेंशन योजना को लागू करने की मांग कर रहे हैं. हाल ही में राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने नई पेंशन योजना बंद कर पुरानी पेंशन योजना फिर लागू कर दी है. तब से ही राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की चर्चा तेज हो गई है. भूपेश बघेल ने अपने बजट भाषण में राज्य के तीन लाख से अधिक शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों की मांगे मान ली. बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है. इस घोषणा के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी सीएम भूपेश बघेल को बधाई दी है.


रूरल इंडस्ट्रियल पार्क प्रदेश को देगी नई दिशा


इस बजट में एक खास बात और देखने को मिली है. वो है रूरल इंडस्ट्रियल पार्क. इसके जरिए राज्य सरकार गौठान को उद्योग से जोड़ने की कोशिश में दिखाई दे रही है. गौठान में महिला समूह को नए प्रोडक्ट बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी. सीएम भूपेश बघेल के एलान के अनुसार राज्य में बनाए गए गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित की जाएगी. इसके लिए बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.


सीएम बोले ये समावेशी विकास का बजट है


वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट पेश करने के बाद एयरपोर्ट में मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आम जनता की जेब में पैसा जाना चाहिए चाहे वो गरीब हो, किसान हो, मजदूर हो, आदिवासी हो या अनुसूचित जनजाति हो. इन सब के जेब में पैसा जाएगा. रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बना रहे हैं जो गांधी जी के ग्राम स्वराज का सपना है उसे साकार करना है. कर्मचारियों को पेंशन, वकीलों को मानदेय में वृद्धि की गई है. विधायक निधि दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ किया गया है. ये समावेशी विकास का बजट है. जैसे गोधन न्याय योजना ने छत्तीसगढ़ को पहचाना दिलाई.रूरल इंडस्ट्रियल पार्क उसे और आगे ले जाएगी.


रमन सिंह ने बजट को बताया निराशाजनक


इधर, विपक्ष की बात करें तो इस बजट में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने बजट पर निराशा जताई है. रमन सिंह ने अपने ट्विटर पर लिखा है, "भूपेश बघेल सरकार का बजट बिना आत्मा के शरीर, बिना पानी के नदी, बिना ऊंचाई के पहाड़ और फूले हुए गुब्बारे जैसा है. जिसमें न दूरदर्शिता है, न ही विजन है.महिलाओं, बेरोजगारों, किसानों, मजदूरों, बुजुर्गों, बेटियों के लिए इस बजट में सिवाय निराशा के कुछ नहीं है."


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