झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच रिपोर्ट पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस रिपोर्ट को लेकर सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. उधर, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा कि राज्य सरकार झीरम नक्सली हमले की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेगी. बघेल ने कहा, "राजभवन से यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है. हमारी सरकार इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेगी. ये अधूरी रिपोर्ट है. आयोग के सचिव ने भी लिखा है कि जांच पूरी नहीं हुई है."
बघेल ने कहा कि इसी आधार पर सरकार ने रिपोर्ट को सार्वजनिक ना करने का फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ सरकार हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करेगी. बघेल ने कहा कि आयोग के सचिव लिखते हैं कि जांच पूरी नहीं हुई है. उसी समय जज प्रशांत मिश्रा का आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण हो गया. तब ऐसी स्थिति में विधि विभाग से सलाह ली गई कि यदि यह परिस्थिति बनी है तो हमारे पास इसका क्या विकल्प है. इस बीच मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि राजभवन में रिपोर्ट सौंप दी गई है.
उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट अगर पूरी हो जाती है, तो उसे विधानसभा में रखा जाता है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो अधूरी जांच को पूरा करेगी.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र की झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस हमले में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मृत्यु हो गई थी.
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