Bastar News: फोर्टिफाइड चावल को लेकर बस्तर में फैला भ्रम, प्लास्टिक का चावल समझ फेंक रहे लोग, जानें पूरा मामला
छत्तीसगढ़ के बस्तर में फोर्टिफाइड चावल को लेकर भ्रम फैल गया है. लोग इसे प्लास्टिक का चावल समझ कर इसे फेंक रहे हैं वहीं खाद्य विभाग लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है.
Bastar: बस्तर में भी बढ़ते कुपोषण के प्रतिशत को रोकने और एनीमिया जैसे गंभीर बीमारी से बचाव के लिए जिले में संचालित पीडीएस दुकानों (शासकीय उचित मूल्य की दुकानों ) आंगनबाड़ी केंद्रों और मध्यान्ह भोजन में पंजाब से आए फोर्टिफाइड चावल (Fortified Rice) चावल का वितरण शुरू कर दिया गया है. लेकिन इस चावल को लेकर बस्तर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगो मे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है. लोग इसे प्लास्टिक चावल मानकर चावल बीनते वक्त इसे फेंक रहे हैं और उचित मूल्यों की दुकानों में प्लास्टिक चावल देने की शिकायत भी कर रहे हैं.
जिले के ग्रामीण इलाकों में लोग इसे पोषणयुक्त चावल मानने को तैयार नहीं है और इस चावल के वितरण का विरोध भी कर रहे हैं. हालांकि चावल की गुणवत्ता को बताने के लिए अब तक खाद्य विभाग ने भी कोई खास प्रचार-प्रसार नहीं किया है. जिसके चलते लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है और कई राशनकार्ड धारी इस चावल को नहीं खा रहे हैं और इसे बीनकर अलग कर रहे हैं.
स्वास्थ के लिए लाभकारी है फोर्टिफाइड चावल
दरअसल बीते मार्च महीने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर इस फोर्टिफाइड चावल को खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा प्रदेश के राशन दुकानों और मध्यान भोजन व पूरक पोषण आहार योजना के तहत शामिल किया है और खासकर आकांक्षी और उच्च प्राथमिक वाले जिलों में पीडीएस दुकानों के माध्यम से इसका वितरण भी शुरू कर दिया गया है.
बस्तर जिला के फ़ूड ऑफिसर अजय यादव ने बताया कि यह चावल सामान्य चावल की तरह ही होता है. इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B-12 और जिंक की प्रचुर मात्रा होने से अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक है, अधिकारी ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल लोगों की खुराक में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की पूर्ति के साथ ही जिले में बढ़ते कुपोषण के नियंत्रण में मददगार होगा और इसमें मौजूद आयरन खून की कमी को रोकता है. जिससे एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाव होता है, फोलिक एसिड गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में भ्रूण विकास और रक्त निर्माण में भी यह फोर्टिफाइड चावल सहायता करता है.
खाद्य विभाग के अधिकारी भ्रम दूर करने में जुटे
अधिकारी ने बताया कि हालांकि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में और कुछ शहरी इलाकों में इस चावल को लेकर जरूर भ्रम की स्थिति बनी हुई है और इसे दूर करने के लिए उचित मूल्य दुकान के संचालकों से बकायदा चावल के फायदे बताने और इसे जरूर अपने खाने में शामिल करने के लिए निर्देश दिया गया है. लेकिन कुछ इलाकों में चावल नहीं लेने की शिकायतें मिल रही है. जिसे बकायदा खाद विभाग की टीम पहुंचकर लोगों की भ्रम दूर भी कर रही है.
अधिकारी ने बताया कि जिसे लोग भ्रम की स्थिति में प्लास्टिक चावल बता रहे हैं वह पंजाब में तैयार किया हुआ एक विशेष प्रकार का पोषण युक्त बेहतर चावल है, और इसको लेकर किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, और बिना अफवाह में पड़े चावल का सेवन करना चाहिए , यह चावल महिलाओं व बच्चों के लिए बहुत ही लाभकारी है.
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