छत्तीसगढ़: आजादी के 70 साल बाद बस्तर में बन रहे चार पुल, ग्रामीणों तक पहुचेंगी योजनाएं, नक्सलियों को लगेगा झटका
बस्तर में इंद्रावती नदी पर चार नए पुल तैयार किए जा रहे हैं. पुल के बनने के बाद नदी के दूसरी तरफ रहने वाले ग्रामीण भी शहरी इलाकों से जुड़ पाएंगे. साथ ही नक्सलियों को भी इससे गहरी चोट पहुंचेगी.
![छत्तीसगढ़: आजादी के 70 साल बाद बस्तर में बन रहे चार पुल, ग्रामीणों तक पहुचेंगी योजनाएं, नक्सलियों को लगेगा झटका Chhattisgarh News construction work of four bridge continues at Indravati River in Bastar ANN छत्तीसगढ़: आजादी के 70 साल बाद बस्तर में बन रहे चार पुल, ग्रामीणों तक पहुचेंगी योजनाएं, नक्सलियों को लगेगा झटका](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/11/23/dcd079542b5b85a327cff7babf722c77_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बस्तर में इंद्रावती नदी नक्सलियों और सरकार के बीच बड़ी सीमा का विभाजन करती है. खासकर मध्य और दक्षिण बस्तर इलाके में यहां बारिश और ज्यादातर समय नदी में ज्यादा पानी होने की वजह से सरकारी सिस्टम दूसरे इलाके में पहुंचता नहीं है. नक्सलियों की सरकार भी यहां समानांतर चलती रहती है. अब सरकार यहां इंद्रावती नदी पर 4 बड़े पुलों का निर्माण कर रही है. कहा जा रहा है कि आने वाले समय में इंद्रावती नदी पर बन रहे 4 बड़े पुल नक्सल समस्या के समाधान करने में कारगर साबित होंगे. आजादी के 70 साल बाद यह पहली बार है जब इंद्रावती नदी पर 4 नए पुल तैयार हो रहे हैं. इस पुल के तैयार होने से ना सिर्फ इंद्रावती के उस पार रहने वाले ग्रामीण शहरी इलाकों से जुड़ पाएंगे बल्कि सरकार की सभी योजनाएं भी इन ग्रामीणों तक पहुंच पाएगी. साथ ही पिछड़ा क्षेत्र कहे जाने वाले बस्तर के ऐसे इलाकों में नया विकास हो सकेगा.
ग्रामीणों तक नहीं पहुंच रही थी सुविधाएं
इंद्रावती नदी में दशकों से पुल नहीं होने की वजह से इन क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण शहर की तरफ आने और अन्य सुविधाओं से वंचित हो जाते थे. ना सरकार की कोई योजना दूर-दराज के इन गांवों तक पहुंच रही थी और ना ही यहां रहने वाले ग्रामीण शहर तक पहुंच पाते थे. जिसका फायदा नक्सलियों को होता था. नक्सलियों ने इन इलाकों में कई सुरक्षित ठिकाने बना लिए थे, लेकिन अब बीजापुर, दंतेवाड़ा और महाराष्ट्र सीमा पर बन रहे पुलों से नक्सलियों के इन ठिकानों को खत्म करना बस्तर पुलिस के लिए काफी आसान होगा. इसके साथ ही अब तक विकास से अछूते और सरकार की पहुंच के बाहर के कई बड़े इलाकों तक सरकार की पहुंच आसान हो जाएगी.
इंद्रावती नदी के उस पार 4 से 5 पंचायतें हैं, जिनमें लगभग 6 से 7 हजार लोग निवास करते हैं. पुल के अभाव में जिंदगी काट रहे ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें अपनी जरूरतें और हर छोटी-बड़ी चीजों के लिए शहर आना पड़ता है. हर रोज 50 से 60 ग्रामीण नाव से नदी पार कर शहर आते हैं. बारिश के दिन उनके लिए सबसे ज्यादा कठिनाई वाले रहते हैं. क्योंकि उस समय नदी में पानी ज्यादा रहता है. उस दौरान नाव भी ठीक से नहीं चलती और चलती भी है तो किसी ना किसी हादसे का खतरा बना रहता है.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो सबसे दिक्कत होती है. इसके अलावा प्रसव के दौरान भी काफी परेशानी उठानी पड़ती है. नदी के उस पार रहने वाले सुकंधर नाग ने बताया कि पुल बन जाने से उन्हें काफी राहत मिलेगी और उनके जीवन की सबसे बड़ी समस्या ही दूर हो जाएगी. सोनाधर कश्यप ने बताया कि नदी के उस पार रहने वालों को शासन की किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. पुल बनने से उन्हें काफी ज्यादा लाभ मिलेगा. सबसे ज्यादा दिक्कत स्वास्थ्य संबंधी है. पुल बनने के बाद बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलने के साथ ही उनके गांव का भी विकास हो सकेगा और लंबे समय से नक्सलवाद का दंश झेल रहे ग्रामीणों को इससे भी आजादी मिलेगी.
दो साल से जारी पुल का काम
बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग की लाइफ लाइन कही जाने वाली इंद्रावती नदी में 70 साल पहले तक सिर्फ 2 ब्रिज थे. उसमें से एक जगदलपुर में है और दूसरा बारसूर के सात धार में स्थित है. उसके बाद से इस नदी में कोई पुल नहीं बनाया गया और इसकी वजह नक्सलवाद है, लेकिन पिछले 2 सालों से बस्तर पुलिस ने इंद्रावती नदी में नए पुल बनाने की ठानी और अब एक के बाद एक दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में चार बड़े पुलों का निर्माण बस्तर पुलिस कर रही है. जिनमें एक बड़ेकरका, दूसरा चिंगनार तीसरा नोगुर और चौथा सुंडरीं में पुल निर्माण का काम जारी है. जहां पूरे पुलिस फोर्स के सुरक्षा के बीच इन पुलों का निर्माण किया जा रहा है. एक पुल का निर्माण पूरा हो चुका है. बाकी 3 पुलों का काम 2022 तक पूरा होगा. कई बार नक्सिलयों ने पुल निर्माण के काम में बाधा भी डालने की कोशिश की, लेकिन पुल निर्माण नहीं रुका.
नक्सली डाल रहे हैं बाधा
आईजी ने बताया कि भोपालपट्नम के तिमेड़ में छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से एक ब्रिज बनाकर तैयार कर लिया गया है. इस तरह इंद्रावती नदी में आने वाले समय में 7 पुलों के जरिए विकास के काम तेजी से होंगे. इन पुलों के निर्माण से नक्सलियों का पैठ कमजोर होने के साथ ग्रामीण शहरी क्षेत्र से जुड़ सकेंगे और उनके गांवों तक विकास कार्य पहुंच सकेगा. यही नहीं इन मुख्य पुलों के अलावा बीजापुर जिले में ही 6 छोटी-बड़ी नदियों पर 71 करोड़ रुपये की लागत से कुल 6 पुल बन रहे हैं. इधर इन चार बड़े पुलों के निर्माण से इंद्रावती के उस पार 100 से अधिक पंचायत के लोग सीधे शहर से जुड़ पाएंगे और इससे 20 हजार से अधिक ग्रामीणों को फायदा मिलेगा. IG ने यह भी कहा कि हालांकि इन पुलों के निर्माण में लगातार नक्सली बाधा डाल रहे हैं, लेकिन बिना इसके परवाह किेए निर्माण कार्य तेजी से जारी है.
ये भी पढ़ें:
UP Election 2022: जयंत चौधरी और अखिलेश यादव की मुलाकात, कल हो सकता है गठबंधन का एलान
Sultanpur News: प्रेम प्रसंग के चलते पति ने दिया पत्नी को तीन तलाक, पीड़िता के परिवार वालों के साथ की मारपीट
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)