Chhattisgarh Contract Workers Strike: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) से बड़ी खबर सामने आई है. पिछले 48 घंटे से आमरण अनशन (Hunger Strike) पर बैठे एक संविदा कर्मचारी (Contract workers strike) की तबीयत बिगड़ गई है. कर्मचारी अचानक बेहोश हो गया है. इसके बाद एंबुलेस से कर्मचारी को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. कर्मचारी का नाम प्रेम राजपूत है जो पिछले 48 घंटे से अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन पर बैठे थे. उनके साथ 2 और संविदा कर्मचारी अभी आमरण अनशन पर अड़े हुए है.
पिछले 48 घंटे से बिना अन्न जल के आमरण अनशन पर कर्मचारी
दरअसल, छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारियों के हड़ताल का आज 19वां दिन है. इसके अलावा पिछले 48 घंटे से 3 संविदा कर्मचारी आमरण अनशन पर बैठे है. आज (21 July) एक कर्मचारी की तबीयत बिगड़ी है. संविदा कर्मचारी संघ ने बताया है कि प्रेम राजपूत की हालत नाजुक हो गईं है. आज शुगर, बीपी लेबल डाउन आने के कारण धरना स्थल में बेहोश हो गए. प्रेम राजपूत ने 1 घंटा से अधिक समय होने के बाद भी आंख नहीं खोलने पर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से अभनपुर हॉस्पिटल भेजा गया है. इसके बाद भी नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए कर्मचारियों में मौन छा गया है. वहीं माहौल गमगीन होने के बाद संविदा कर्मचारियों ने मार्मिक गीत गाकर बेहोश हुए संविदा कर्मचारी का मनोबल बढ़ा रहे है.
सरकार के घोषणा के बाद भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी
बता दें कि सर्व विभागीय संविदा कर्मचारियों का 3 जूलाई से हड़ताल जारी है. इस बीच विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 37 हजार संविदा कर्मचारियों के वेतन 27 प्रतिशत बढ़ाने की घोषणा की है. इसके बावजूद कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अड़े है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार वार्ता स्थापित करे. क्योंकि सरकार के वेतन वृद्धि की घोषणा से यह समझ में आता है कि आंदोलन में सम्मिलित संविदा कर्मचारियों के साथ शासन ने कोई संवाद स्थापित नहीं किया है. जिस कारण मांगे कुछ और हैं व घोषणा कुछ और की जा रही है.
ये है संविदा कर्मचारियों की मांग
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि शासन द्वारा प्रदेश के संविदा कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. जबकि वास्तव में 48 प्रतिशत होना था. इस घोषणा के लाभ से बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी वंचित रहेंगे. हमारी मांग है कि 2018 के जनघोषणा पत्र में सरकार के द्वारा संविदा कर्मियों के नियमितीकरण करने और छंटनी नहीं किये जाने का वादा किया गया था. जो आज तक पूरा नहीं हुआ है. प्रदेश के संविदा कर्मचारियों की मांग है कि स्थायीकरण, (नौकरी की सुरक्षा 62 वर्ष आयु तक ), वरिष्ठता का लाभ वेतन, ग्रेच्युटी, क्रमोन्नति, पदोन्नति, सामाजिक सुरक्षा, अनुकम्पा नियुक्ति और बुढ़ापे का साहारा पेंशन और छुट्टी का अधिकार मिले.
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