Bastar News: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ डबल इंजन की सरकार एक्शन मोड पर दिख रही है. नये साल से ही नक्सलियों के खिलाफ बस्तर संभाग के अंदरूनी क्षेत्रों में ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. वहीं इस ऑपरेशन के दौरान जवानों को सफलता भी हाथ लग रही है. बीते 20 दिनों में ही 8 नक्सलियों को अलग-अलग मुठभेड़ में जवानों ने मार गिराया है, वहीं अब नक्सलियों से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए केंद्र सरकार सीआरपीएफ की 40 नई कंपनियों को बस्तर में तैनात करने जा रही है. बताया जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में सीआरपीएफ ये 40 कंपनी बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में तैनात कर दी जाएगी और उसके बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज कर दिया जाएगा. माना जा रहा है कि बीते 2 सालों में जिनको इलाकों में नए पुलिस कैंप खोले गए हैं उन कैम्पों में इन नई कंपनी के जवानों को तैनात किया जाएगा. पूरी तरह से नक्सल ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित यह जवान नक्सलियों के इलाके में सर्चिंग ऑपरेशन चलाएंगे इस स्पेशल ऑपरेशन का नाम हंटर रखा गया है.
गृहमंत्री अमित शाह के आदेश के बाद तेज हुआ नक्सल ऑपरेशन
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले सुकमा जिले में बस्तर संभाग में तैनात सभी सीआरपीएफ के आला अधिकारियों के साथ एक बैठक कर नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज करने के आदेश दिए थे, और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पुलिस कैंप स्थापित करने के लिए भी कोर इलाक़ो में जवानों की पहुंच के साथ-साथ नक्सलियों के ठिकाने पर दबिश देने के लिए भी अधिकारियों को कहा था. इसके बाद से ही जवान बड़े नक्सली लीडरों के इलाके में लगातार अपनी पैठ जमा रहे हैं और नए पुलिस कैंप भी स्थापित कर रहे हैं. पिछले तीन से चार महीनों में ही ऐसे घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में नए पुलिस कैंप खोल दिये गए हैं और बकायदा यहां से ऑपरेशन भी लॉन्च किया जा रहा है.
इस साल 45 नये सिक्योरिटी कैंप खोलने का है लक्ष्य
पिछले दिनों में सुकमा के ऐसे इलाके, जिनकी पहचान नक्सलियों के बटालियन मुख्यालय के तौर पर होती रही है. वहां पर भी सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने नया कैंप स्थापित कर लिया है. सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस ने नया कैंप सुकमा बीजापुर जिले की सीमा पर दुलेड़ व मेटागुड़ा के बीच में भी स्थापित किया है. वही इस साल नक्सल प्रभावित इलाकों में करीब 45 नए सिक्योरिटी कैंप खोलने का भी लक्ष्य रखा है और इसके लिए प्रयास भी शुरू कर दिया है.
खास बात यह है कि देश के गृह मंत्री अमित शाह यह बात कह चुके हैं कि दो साल के भीतर देश का ऐसा कोई भी हिस्सा नहीं बचेगा, जहां पर नक्सलियों का प्रभाव हो और ऐसे इलाकों तक सुरक्षाबलों की पहुंच न हो, यही वजह है कि इस साल नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू होने जा रही है. दरअसल छत्तीसगढ़ को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में नक्सली घटनाओं पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है. झारखंड में बीते साल ही सुरक्षा बलों ने हर उस इलाके तक अपनी पहुंच बना ली थी, जिन्हें नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. कई इलाकों से नक्सलियों को खदेड़ कर सुरक्षाबलों ने अपने स्थायी कैंप स्थापित कर लिए थे, वहीं इस क्षेत्र के ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार आने लगा है.
आईजी ने कहा लगातार ऑपरेशन है जारी
वहीं इस बार राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार का भी पूरा फोकस छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने पर है. यही वजह है कि 40 नई कंपनियों को बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जा रहा है. इस कंपनी के जवान पूरी तरह से ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित है. हालांकि बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि इन जवानों की तैनाती कब तक होगी इसके लिए अभी तक कोई सूचना नहीं दी गयी है. फिलहाल बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिस लगातार इलाकों में सर्चिंग अभियान चला रही है और जवानों को इस एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान बड़ी उपलब्धि भी हासिल भी हो रही है. वहीं नई कंपनी के तैनाती से अब नक्सलियों के जितने भी बचे हुए ठिकाने हैं वहां भी प्लानिंग के तहत पुलिस ऑपरेशन लॉन्च कर पहुंचेगी और यहां नए कैंप स्थापित करेगी, ताकि जवानों के यहाँ पहुँचने के बाद इस क्षेत्र का और गांव का विकास भी हो सके.
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