Chhattisgarh News: महासमुंद में दबंगों ने गिराए अटल आवास योजना के 54 मकान, जानिए क्या है पूरा मामला
लॉकडाउन के दौरान जब लोगो को घर से निकलने की मनाही थी , तभी दबंग नेताओ ने 32 से अधिक बेहद गरीब परिवारों को जबरन सरकारी घर से निकाल कर उनके घरो पर बुलडोजर चला दिया.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कुछ दबंगों ने कुछ मकानों पर बुलडोजर चलवाने का मामला सामने आया है. कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान जब लोगों को घर से निकलने की मनाही थी, तभी दबंग नेताओं ने 32 से अधिक गरीब परिवारों को जबरन सरकारी घर से निकाल कर उनके घरों को बुलडोजर से तोड़वा दिया और ईंट, सरिया ( छड़ ) आदि अपने साथ ले गए.
पूरा भी नहीं हुआ था काम
दरअसल छत्तीसगढ़ में बीजेपी शासन के समय हाउसिंग बोर्ड के माध्यम से सन् 2007 -08 में निम्न तबके के लोगों के लिए अटल आवास योजना के तहत बसना ब्लॉक के बंसुला ग्राम पंचायत में 300 भवनों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था. बंसुला के अटल आवास हेतु 262 ग्रामीणों ने पंजीयन कराया था. छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने 54 बने मकानों के लिए ठेकेदार को 68 लाख 4 हजार 619 रुपये का भुगतान भी कर दिया .इनमें 36 मकानों के छत ढाल दिये गये थे एवं 18 मकान अपूर्ण थे.
इन मकानों मे पंजीयन धारकों की सहमति से रोजी - मजदूरी करने वाले एवं भीख मांगने वाले बेहद गरीब परिवार रहने लगे. सन् 2010 में आगे का काम बंद हो गया और लगभग 12 साल बाद सन 2017 में हाउसिंग बोर्ड ने पंजीयन धारकों को पंजीयन शुल्क वापस करने का पत्र भेजकर ग्राम बन्सुला मे योजना समाप्ति की घोषणा कर दी. सितंबर 2020 में दबंग नेताओ ने बिना किसी शासकीय आदेश के एवं बिना पंजीयन धारकों की सहमति लिए सभी मकानों को तोड़ दिया और ईंट, सरिया आदि उठा कर ले गए.
कोरोना में जबरन खाली कराए मकान
दूसरों के घरों में बर्तन झाड़ू कर जीवन गुजारने वाली ग्रामीण सुखमनी ने बताया कि वह इसके पहले परिवार सहित ग्राम पंचायत बंसुला के अटल आवास में रहती थीं. लगभग 10 साल तक अटल आवास मे रहने के बाद सितंबर 2020 में कोरोना लॉकडाउन के बावजूद बंसुला पंचायत के कुछ दबंग नेताओं ने सुखमोती से जबरन मकान को खाली कराया और उस मकान को तोड़ दिया .
घर टूटने के बाद कुछ लोग छोड़ के चले गए राज्य
अटल आवास के पंजीयन धारक मनोज अग्रवाल ने गांव में नवनिर्वाचित सरपंच और पंचों पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरपंच और पंचों ने 10 साल से रह रहे ग्रामीणों को घर खाली करने को कहा गया. गरीब रातों रात ग्रामीणों वहां से चले गए. इसके बाद दूसरे के घर में किराया देकर रह रहे हैं. कुछ राज्य छोड़कर चले गए है. इसके बाद सरपंच और पंचों ने जेसीबी चलवा दिया सभी मकान ढहा दिया गया. मकान का बचा हुआ मलबा लेकर अपने घरों में लगाया और बाकी मलबा बेच दिया गया है.
केवल चार मकान है मौजूद
हाउसिंग बोर्ड महासमुंद के सहायक अभियंता प्रफुल चौबे ने बताया कि वहां 2010 में कार्य बंद हो गया था. मकान तोड़ के गायब करने की शिकायत प्राप्त हुई है. निरीक्षण के बाद पता चला है तीन चार मकान मौजूद है बाकी मकान तोड़े गए है और मलबा मीटरियल उपस्थित नहीं है. पुलिस थाने में शिकायत की गई है. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दे दी गई है. जल्द करवाई की जाएगी.
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