Raigarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में डिलीवरी के दौरान एक महिला डॉक्टर की लापरवाही से स्वस्थ गर्भवती माता व उसके नवजात की मौत होने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जांच का निर्देश दिया है. ऐसे में लापरवाही करने वाली महिला डॉक्टर, सहयोगियों तथा अस्पताल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई होने की बात कही जा रही है. इस मामले में राज्य स्तरीय जांच समिति गठन करने का आदेश दिया गया है.
रायगढ़ के मेडिकल कॉलेज में जच्चा-बच्चा की मौत
दरअसल, खरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम मौहापाली निवासी राकेश पटेल पिता स्व. अमृत लाल पटेल की गर्भवती पत्नी कुसुमलता पटेल को प्रसव के लिए 6 दिसंबर 2023 को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. वहां एक महिला डॉक्टर ने गर्भवती महिला कुसुमलता एवं उसके गर्भ का जांच के पश्चात पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की जानकारी दी थी, परंतु ऐन वक्त में 8 दिसंबर 2023 को महिला का रात के 11 बजकर 30 मिनट में प्रसव पीड़ा होने पर वह अस्पताल से नदारद हो गई और रात में प्रसव पीड़ा होने पर सहयोगियों ने महिला डॉक्टर को बार-बार फोन करके बुलाया गया परंतु महिला डॉक्टर अब आ रही हूं, तब आ रही हूं कहते हुए रात के 3 बजे पहुंची.
तब तक गर्भवती महिला का महिला डॉक्टर के प्रशिक्षु सहयोगियों की मदद से प्रसव करा लिया गया, लेकिन उचित उपचार के अभाव में महिला कुसुमलता पटेल की प्रसव के दौरान हालत बिगड़ने लगी और रात के 4.45 बजे महिला व नवजात की मौत हो गई. इस मामले को लेकर मृतक के पति सहित परिजनों ने अस्पताल में खूब हंगामा किया और इस मामले की अस्पताल प्रबंधन सहित एसपी, कलेक्टर तथा चक्रधर नगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई. इसमें अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे मृतका के पति ने स्वास्थ्य मंत्रालय तथा पूर्व गृह मंत्री को शिकायत की गई थी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की जांच करने का आदेश दिया है. इस मामले में मृतक के पति राकेश कुमार पटेल ने लापरवाही बरतने वाले महिला डॉक्टर एवं सहयोगियों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग की है.
मेडिकल रिपोर्ट में लापरवाही का आरोप
इसमें खास बात यह है कि मृतक के परिजनों ने जब अस्पताल प्रबंधन से मेडिकल रिपोर्ट मांगने पर उन्हें बार-बार टालते रहे और मामले को दबाने के प्रयास में 28 दिसम्बर को मेडिकल रिपोर्ट दिया गया. ऐसे में इस मामले की स्वास्थ मंत्री कार्यालय ने गहन जांच के लिए आदेश करते हुए मामले में राज्य स्तरीय जांच टीम का गठन करने का आदेश दिया गया है. प्राथमिकता से जांच पश्चात स्वास्थ्य मंत्रालय को जांच प्रतिवेदन भेजने का आदेश दिया है.
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