(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए बनेगी डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स, मुख्यमंत्री ने की बजट में घोषणा
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में DRG के बाद अब डिस्टिक स्ट्राइक फोर्स (DSF) का गठन किया जाएगा. बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा पेश किए गए बजट में इसकी घोषणा की है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित क्षेत्र (naxal affected area) बस्तर (Bastar) में DRG के बाद अब डिस्टिक स्ट्राइक फोर्स (DSF) का गठन किया जाएगा, बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा पेश किए गए बजट में इसकी घोषणा की है. इस डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स (DSF) की खास बात यह है कि इस फोर्स में प्रमुख रूप से नक्सली संगठन छोड़ आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली, बस्तर संभाग के नक्सल पीड़ित और सहायक आरक्षकों को प्राथमिकता दिया जाएगा. यह फोर्स बस्तर संभाग (Bastar Division) के 7 जिलों में तैनात होगी. दरअसल पिछले कई सालों से जिन आरक्षकों और सहायक आरक्षकों का प्रमोशन और वेतन में बढ़ोतरी नहीं हो पाया था सीएम के इस घोषणा के बाद DSF फोर्स में शामिल होकर उनके वेतन में बढ़ोतरी और प्रमोशन हो सकेगा.
सहायक आरक्षकों को मिल सकेगा प्रमोशन
बस्तर में DRG के बाद अब DSF फोर्स को भी नक्सल मोर्चे पर उतारने की तैयारी चल रही है , मुख्यमंत्री के घोषणा के बाद बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि, डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स DSF से शांति और सुरक्षा स्थापित करने में बड़ी सफलता मिलेगी. आईजी ने बताया कि फिलहाल इसमें हर जिलों में कितने सरेंडर नक्सली, नक्सल पीड़ित और सहायक आरक्षकों की भर्ती की जानी है इसकी गाइडलाइन अभी नहीं आई है, गाइडलाइन आने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी, आईजी ने बताया कि बस्तर संभाग में वर्तमान में लगभग 3 हजार सहायक आरक्षक हैं, और इनमें कई सरेंडर नक्सली भी शामिल हैं, वही सैकड़ो की संख्या में बस्तर के 7 जिलो में नक़्सल पीड़ित भी है, जिनकी DSF फोर्स में भर्ती होनी है, इधर बस्तर में पिछले कई सालों से सहायक आरक्षकों के प्रमोशन के साथ वेतन वृद्धि भी रुकी हुई है, इसके अलावा कई नक्सल हिंसा पीड़ित परिवार के सदस्यों ने भी नौकरी के लिए आवेदन दिया है, मुख्यमंत्री का कहना है कि इस फोर्स के गठन होने से इनको सीधा लाभ मिलेगा, वही बस्तर में नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवार के सदस्यों को इस डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स DSF में भर्ती के लिए विशेष प्राथमिकता दी जाएगी.
नक्सलवाद के खात्मा के लिए होगा फायदा
गौरतलब है कि बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेने कुछ साल पहले डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड (DRG) का गठन किया गया , DRG में स्थानीय युवकों के साथ सरेंडर नक्सलियों की भी भर्ती की गई , जो स्थानीय होने के साथ साथ बस्तर के जल-जंगल-जमीन को अच्छी तरह से जानते हैं, 3 साल पहले गठित हुई DRG फोर्स ने नक्सल मोर्चे पर कई बड़ी सफलता भी हासिल की है, इसी की तर्ज पर अब डिस्ट्रिक स्ट्राइक फोर्स में सरेंडर नक्सलियों और नक्सल पीड़ितो के भर्ती से बस्तर पुलिस के अधिकारियों का मानना है कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए एक बड़ा फायदा फोर्स को मिलेगा, बस्तर के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में यह DRG और DSF दोनों फोर्स मिलकर नक्सलियों का डट कर सामना कर सकेगी.
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