Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे प्रशासन ने किरंदुल से विशाखापट्टनम तक विस्टाडोम कोच की सौगात दी है. पिछले एक महीने से किरंदुल विशाखापट्टनम से तक ट्रेन में विस्टाडोम कोच लगाकर इसका संचालन किया जा रहा है, लेकिन इस कोच को लेकर पर्यटकों का जो रिस्पॉन्स मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. जिसको लेकर विशाखापट्टनम रेलवे मंडल के डीआरएम अनूप सथपती ने छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग को इसका जिम्मेदार ठहराया है.


डीआरएम का कहना है कि बस्तर में पर्यटकों के लिए सुविधाओं की कमी है. इस वजह से विस्टाडोम कोच से नहीं के बराबर पर्यटक बस्तर पहुंच रहे हैं, जिससे रेल प्रशासन को भी घाटा हो रहा है. उनका कहना है कि देश में कुछ ही जगहों पर ट्रेन में  विस्टाडोम कोच की सौगात दी गई है. उसमें छत्तीसगढ़ का बस्तर भी शामिल है, लेकिन इस कोच को सही रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है. उन्होंने इसकी वजह भी बताई है.




रेलवे डीआरएम ने क्या कहा?


इस विस्टाडोम कोच में हर रोज केवल 8 से 10 यात्री ही इस कोच में सवार होकर इसका आनंद ले रहे हैं. हालांकि रेलवे डीआरएम अनूप सथपति ने कहा "इस विस्टाडोम कोच को पर्यटकों का इसलिए सही रिस्पॉन्स  नहीं मिल रहा है क्योंकि बस्तर पहुंचने वाले पर्यटकों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह यहां नहीं मिल पा रही है. खासकर रहने से लेकर खाने-पीने और जानकारी के अभाव में पर्यटक ज्यादा संख्या में इस ट्रेन के माध्यम से बस्तर नहीं पहुंच रहे हैं. अगर पर्यटन विभाग और छत्तीसगढ़ सरकार पर्यटकों के सुविधाओं में ध्यान देती है, तो निश्चित तौर पर  विस्टाडोम कोच को भी अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा."


पर्यटन स्थलों की भी प्रचार-प्रसार करने की जरूरत


डीआरएम ने कहा "फिलहाल विस्टाडोम कोच के शुरू करने से जो अनुमान रेलवे प्रशासन के द्वारा लगाया जा रहा था उसके मुकाबले काफी कम लोग ही इस  कोच में सफर कर रहे हैं. उन्होंने कहा बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विस्टाडोम कोच मिल का पत्थर साबित हो सकती है और, इससे पर्यटन विभाग को अच्छी आय भी हो सकती है. ऐसे में देश दुनिया से बस्तर पहुंच रहे  पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाने और पर्यटन स्थलों की भी प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है."




किरंदुल से विशाखापट्टनम तक सफर काफी रोमांच भरा


दरअसल के रेलमार्ग पर किरंदुल  से विशाखापट्टनम तक चलने वाली  यात्री  ट्रेन में विस्टाडोम का एक कोच जोड़ा गया है. इस कोच में सफर करने के लिए टिकट का मूल्य 1200 का रुपये तय किया गया है. किरंदुल से विशाखापट्टनम तक 450 किलोमीटर का सफर काफी रोमांच भरा है. पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच से गुजरती ट्रेन में लगा विस्टाडोम  कोच से नजारा देखते ही बनता है. बस्तरवासियों को  इस कोच की सौगात मिले एक महीने बीत चुके हैं. इसके बावजूद विस्टाडोम  कोच को पर्यटकों का सही रिस्पॉन्स नहीं मिल पा रहा है.


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